निविदा की शर्त पूरी नहीं किए जाने के बावजूद ट्रांसपोर्टिंग एवं हैंडलिंग एजेंट का ठेका दिए जाने के मामले पर पटना हाई कोर्ट ने अपना निर्णय सुनाते हुए बिहार वेयर हाउसिंग कॉरपोरेशन एवं ठेकेदार (मनोज कुमार सिंह) पर एक-एक लाख का अर्थदंड लगाया। 46 पृष्ठों के निर्णय से कोर्ट ने स्पष्ट किया कि कॉरपोरेशन एवं ठेकेदार आठ सप्ताह के भीतर आवेदक को एक-एक लाख रुपये का भुगतान सुनिश्चित करें।
By Edited By: Prateek JainUpdated: Tue, 08 Aug 2023 01:10 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, पटना: निविदा की शर्त पूरी नहीं किए जाने के बावजूद ट्रांसपोर्टिंग एवं हैंडलिंग एजेंट का ठेका दिए जाने के मामले पर पटना हाई कोर्ट ने अपना निर्णय सुनाते हुए बिहार वेयर हाउसिंग कॉरपोरेशन एवं ठेकेदार (मनोज कुमार सिंह) पर एक-एक लाख का अर्थदंड लगाया।
सोमवार को अपने 46 पृष्ठों के निर्णय से कोर्ट ने स्पष्ट किया कि कॉरपोरेशन एवं ठेकेदार आठ सप्ताह के भीतर आवेदक को एक-एक लाख रुपये का भुगतान सुनिश्चित करें।
रिट याचिका पर सुनाया फैसला
न्यायाधीश पीबी बजनथ्री व न्यायाधीश जितेंद्र कुमार की खंडपीठ ने श्रीबालाजी ट्रांसपोर्ट की ओर से दायर रिट याचिका पर अपना निर्णय सुनाते हुए उक्त आदेश दिया।
आवेदक के अधिवक्ता अरुण कुमार द्वारा कोर्ट को बताया गया कि बिहार वेयर हाउसिंग कॉरपोरेशन में ट्रांसपोर्टिंग और हैंडलिंग एजेंट का ठेका के लिए निविदा प्रकाशित की गई थी।
आवेदक सहित कई अन्य ट्रांसपोर्टरों ने निविदा में हिस्सा लिया था। निविदा की शर्त पूरी नहीं किए जाने के बावजूद ट्रांसपोर्टिंग और हैंडलिंग एजेंट का ठेका प्रतिवादी (मनोज कुमार सिंह) को दे दिया गया।
आवेदक की दलील पर संज्ञान लेते हुए जब कोर्ट ने सभी दस्तावेज एवं रिकार्ड का अवलोकन किया तो पाया कि अवैध और मनमाने तरीके से मनोज को ठेका दिया गया। निविदा प्रक्रिया में गड़बड़ी पाते हुए न्यायालय ने प्रतिवादी के पक्ष में जारी कार्य आदेश को भी रद्द कर दिया।
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