चेक रिपब्लिक के नागरिक को 15 दिन के अंदर देश छोड़ने का आदेश, नेपाल के रास्ते आया था भारत
नेपाल के रास्ते से भारत में प्रवेश करने वाले चेक रिपब्लिक के नागरिक को पटना हाईकोर्ट ने 15 दिनों के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया है। बता दें कि रक्सौल के मजिस्ट्रेट ने चेक गणराज्य के नागरिक को दोषी ठहराते हुए दो साल की कारावास की सजा सुनाई थी जिसके खिलाफ उसने पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
राज्य ब्यूरो, पटना। भारत में घुसपैठ करने के मामले में पटना हाई कोर्ट ने चेक रिपब्लिक के नागरिक को 15 दिनों के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया है।
न्यायाधीश बिबेक चौधरी की एकल पीठ ने कॉस्परेक पेट्र की याचिका पर सुनवाई करते हुए चेक रिपब्लिक के दूतावास को उसे स्वदेश वापस भेजने के संबंध में कार्रवाई का आदेश दिया है।
याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि साइबर अपराध का शिकार होने के बाद प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए कॉस्पेरक भारत में प्रवेश कर गया।
रक्सौल से किया गया था गिरफ्तार
नेपाल होकर भारत में प्रवेश के दौरान उसे रक्सौल (हरैया आउट पोस्ट) में वैध वीजा नहीं होने के आधार पर पुलिस ने उसके गिरफ्तार कर लिया। विदेशी कानून की धारा 14/14ए/14बी के तहत प्राथमिकी दर्ज करते हुए उसकी गिरफ्तारी हुई थी।
रक्सौल मजिस्ट्रेट ने दी थी 2 साल की सजा
कोर्ट को बताया गया कि रक्सौल के मजिस्ट्रेट ने आवेदक को दोषी ठहराते हुए दो वर्ष कारावास और दस हजार अर्थदंड की सजा दी। इस सजा को अपील दायर करके चुनौती दी गई, लेकिन अपील निरस्त हो गई।सजा की वैधता को हाईकोर्ट में दी थी चुनौती
याचिकाकर्ता ने सजा की वैधता को पटना हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी। कोर्ट ने निचली अदालतों की सजा को निरस्त करते हुए कहा कि बगैर वैध वीजा के भारत में रहना अवैध है।
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