Patna: नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में दोषी की अपील निरस्त, हाईकोर्ट ने बरकरार रखा निचली अदालत का फैसला
मधुबनी में 11 वर्षीय लड़की से दुष्कर्म के मामले में पटना हाईकोर्ट ने निचली अदालत की सजा को बरकरार रखते हुए क्रिमिनल अपील याचिका निरस्त कर दिया। न्यायाधीश अशुतोष कुमार एवं न्यायाधीश आलोक कुमार पांडेय की खंडपीठ ने अमर गोसाई की अपील पर सुनवाई के बाद सोमवार को यह आदेश दिया। 23 जुलाई 2015 को उसे 14 वर्ष कारावास के साथ दस हजार अर्थदंड की सजा सुनाई गई थी।
By Prateek JainEdited By: Prateek JainUpdated: Mon, 11 Sep 2023 11:46 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, पटना: मधुबनी में 11 वर्षीय लड़की से दुष्कर्म के मामले में पटना हाईकोर्ट ने निचली अदालत की सजा को बरकरार रखते हुए क्रिमिनल अपील याचिका निरस्त कर दिया।
न्यायाधीश अशुतोष कुमार एवं न्यायाधीश आलोक कुमार पांडेय की खंडपीठ ने अमर गोसाई की अपील पर सुनवाई के बाद सोमवार को यह आदेश दिया।
पीड़िता को जान से मारने की दी थी धमकी
याचिकाकर्ता के विरुद्ध आरोप था कि 19 फरवरी, 2014 को शाम चार बजे दुष्कर्म के बाद उसने नाबालिग को धमकी दी थी कि किसी को बताने पर जान से हाथ धोना पड़ेगा।इसके बाद पीड़िता ने अपनी बड़ी बहन व स्वजनों को इसकी जानकारी दी। मधुबनी जिला के खिरहर थाना की पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया था।मधुबनी के एडीजे प्रथम सह विशेष जज ने मामले की सुनवाई कर 23 जुलाई, 2015 को उसे 14 वर्ष कारावास के साथ दस हजार अर्थदंड की सजा सुनाई।
निचली अदालत के निर्णय को हाई कोर्ट में अपील दायर कर चुनौती दी गई। हाई कोर्ट ने निचली अदालत के निर्णय में कोई गलती नहीं पाते हुए अपील को निरस्त कर दिया।
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