Patna News: 'पत्नी का प्रजनन अंग नहीं है' कारण बताकर लिया था तलाक; अब पटना हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया फैसला
Patna High Court पटना हाई कोर्ट ने जमुई परिवार न्यायालय द्वारा पारित तलाक के एक आदेश को रद्द कर दिया है। न्यायाधीश पीबी. बजनथ्री एवं न्यायाधीश जी. अनुपमा चक्रवर्ती की खंडपीठ ने पीड़ित पत्नी की अपील को स्वीकार करते हुए यह निर्णय सुनाया। इसी के साथ हाई कोर्ट ने याचिका को निष्पादित करते हुए उसे संबंधित परिवार न्यायालय को वापस भेज दिया है।
जागरण संवाददाता, पटना। Patna News: पटना हाई कोर्ट ने जमुई परिवार न्यायालय द्वारा पारित तलाक के एक आदेश को रद्द कर दिया है। न्यायाधीश पीबी. बजनथ्री एवं न्यायाधीश जी. अनुपमा चक्रवर्ती की खंडपीठ ने पीड़ित पत्नी की अपील को स्वीकार करते हुए यह निर्णय सुनाया। इसी के साथ हाई कोर्ट ने याचिका को निष्पादित करते हुए उसे संबंधित परिवार न्यायालय को वापस भेज दिया है।
पति ने पत्नी के प्रजनन अंग नहीं होने का आरोप लगाया था
पति ने यह आरोप लगाया था कि पत्नी का प्रजनन अंग नहीं है, जिसके कारण वह उसके साथ यौन संबंध नहीं बना सकता। इसी आधार पर तलाक का आदेश हुआ था। चूंकि प्रतिवादी पत्नी की सुनवाई किए बिना तलाक दिया गया था, इसलिए हाई कोर्ट ने पाया कि तलाक का आदेश प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का घोर उल्लंघन है।
कोर्ट ने कहा- सहवास में विफलता तलाक का आधार नहीं हो सकता
पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने यह भी कहा कि पत्नी की अक्षमता (सहवास में विफलता) तलाक का आधार नहीं हो सकता। कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि अपीलकर्ता के अंग में कोई खराबी है, इसे सिद्ध करने के लिए ट्रायल कोर्ट के समक्ष कोई साक्ष्य दिया गया। न्यायालय ने कहा कि यदि आरोप सिद्ध भी हो जाता है, तो यह हिंदू विवाह अधिनियम की धारा-12 के तहत विवाह को रद्द करने का आधार हो सकता है नहीं कि तलाक का।आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।