पटना हाईकोर्ट ने दिया आदेश- मुंगेर में दुर्गा मूर्ति विसर्जन में पुलिस फायरिंग से मारे गए युवक के पिता को 10 का मुआवजा
मूर्ति विसर्जन के दौरान हुए उपद्रव में अनुराग पोद्दार की मौत हो गई थी जबकि आठ अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे l पिता के बयान पर पुलिस वालों के खिलाफ कोतवाली में केस तो दर्ज किया गया था लेकिन वे जांच से संतुष्ट नहीं थे
By Sumita JaiswalEdited By: Updated: Wed, 07 Apr 2021 05:42 PM (IST)
पटना, निर्भय सिंह I पटना हाईकोर्ट ने मुंगेर में दुर्गा पूजा के बाद विसर्जन जुलूस में गोलीकांड के मामले को यद्यपि सीबीआई को नहीं सौंपा लेकिन जांच को सख्त कर दिया l कोर्ट ने जैसा आदेश पारित किया है वैसे ही राज्य सरकार के वरीय पुलिस पदाधिकारी को चलना होगा l कोर्ट ने गोलीकांड में मृत युवक को 10 लाख मुआवजा देने का आदेश दिया है।
यह आदेश मृतक के पिता अनुराग पोद्दार की दायर याचिका पर न्यायाधीश राजीव रंजन प्रसाद ने दिया l लेकिन इस मुकदमे की खास बात यह रही कि सुनवाई में शामिल होने वाले सुप्रीम कोर्ट के वकील अलख आलोक श्रीवास्तव की महत्वपूर्ण भूमिका रही l वे सुप्रीम कोर्ट से याचिकाकर्ता से किसी भी प्रकार का फीस नहीं लेते थे l वे एयर टिकट और रहने की व्यवस्था भी स्वयं करते थे l सुप्रीम कोर्ट ने ही उन्हें सारे तथ्यों को पटना हाईकोर्ट में रखने को कहा था जिस पर हाईकोर्ट को फैसला भी सुनाना था l
यह था मामला
मूर्ति विसर्जन के दौरान हुए उपद्रव में अनुराग पोद्दार की मौत हो गई थी जबकि आठ अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे l पिता के बयान पर पुलिस वालों के खिलाफ कोतवाली में केस तो दर्ज किया गया था, लेकिन वे जांच की कार्यवाई से संतुष्ट नहीं थे l कोतवाली थाने में मूर्ति विसर्जन के दौरान लाठी चलाने के आरोप में 20 से 25 पुलिसकर्मियों पर थानाध्यक्ष. के बयान पर मामला दर्ज किया गया था l मूर्ति विसर्जन की घटना को लेकर एक बड़ा बवाल हुआ था l गुस्साए लोगों ने सराय थाने में आग लगा दी थी l इसके बाद चुनाव आयोग ने मुंगेर के हालात को देखते हुए जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को हटाने की भी सिफारिश कर दी थी l गौरतलब है कि 26 अक्टूबर को देर रात मूर्ति विसर्जन के दौरान गोली चली थी जिसमें अनुराग पोद्दार की मौत हो गई थी इसके साथ ही 6 अन्य लोग घायल भी हो गए थे। इसके बाद 29 अक्टूबर को इस घटना के विरोध में फिर बवाल हो गया l
हाईकोर्ट के फैसले में क्या है खास बात
-पूरे प्रकरण की जांच सीआईडी और एसआईटी ही करेगी लेकिन हाईकोर्ट करेगा मॉनिटर- सीआईडी को 1 महीने के भीतर रिपोर्ट पेश कर बताना होगा जांच की अद्यतन स्थिति--3 दिनों के अंदर उन सभी पुलिस को हटाना होगा जो पिछले साल से आज तक बने हुए हैं- मुंगेर के एसपी और 8 पुलिस अधिकारी जो पहले एसआईटी में थे उन्हें भी मुंगेर से हटाना होगा
-- मामले पर 1 महीने के बाद 6 मई को सुनवाई होगी
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