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शराबबंदी पर हाईकोर्ट सख्त, पूछा- बताइए DM साहेब, बिहार में कैसे मिल रही इतनी शराब

बिहार में शराबबंदी कानून लागू है लेकिन हर जगह शराब मिल रही है। इसपर पटना हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए जिलाधिकारियों से पूछा है कि-बिहार में कैसे मिल रही है इतनी शराब?

By Kajal KumariEdited By: Updated: Thu, 30 Jan 2020 10:26 PM (IST)
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शराबबंदी पर हाईकोर्ट सख्त, पूछा- बताइए DM साहेब, बिहार में कैसे मिल रही इतनी शराब
पटना, जेएनएन। पटना हाईकोर्ट ने बिहार में शराबबंदी के बावजूद हर दिन शराब बरामदगी को लेकर  सख्त नाराजगी जतायी है और जिलाधिकारियों से पूछा है कि, डीएम बताएं, जब राज्य में पूर्ण शराबबंदी है तो फिर शराब कैसे मिल रही है? यही नहीं कहीं सैकड़ों तो कहीं हजारों लीटर शराब पकड़ी जा रही है, जबकि राज्य में शराब निर्माण सहित बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध है।

न्यायाधीश अनिल कुमार उपाध्याय की पीठ ने विकास कुमार की एक जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त टिप्पणी की। याचिकाकर्ता गोपालगंज के उचका गांव का रहने वाला है और वह नवंबर से न्यायिक हिरासत में है। कोर्ट ने कहा कि इस तरह के कई मामले उनके अदालत में आते हैं। इतने बड़े पैमाने पर शराबबंदी कानून के तोड़े जाने पर यही लगता है कि बिक्री पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध है ही नहीं।

कोर्ट ने कहा कि एक तरफ शराब का निर्माण हो रहा है दूसरे तरफ इसका ट्रांसपोर्टेशन हो रहा है। जबकि एक जगह से दूसरे जगह शराब ले जाना कोई मामूली बात नहीं अदालत ने 13 फरवरी तक संबंधित पदाधिकारियों से पूछा है कि इस पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध क्यों नहीं लग रहा है ?

कोर्ट ने राज्य सरकार को यह भी बताने को कहा है संबध पुलिस वाले और उत्पाद विभाग के अधिकारी पर क्या कार्रवाई हुई है ? अदालत ने इस बात पर भी हैरानी जाहिर कि है कि शराब एक राज्य से दूसरे राज्य कैसे पहुंच जाता है ? जबकि हर जगह चेक पोस्ट और पुलिस थाना है।

अदालत ने यह भी कहा कि बेरोजगार युवक पैसे एवं अपनी जीविका चलाने के लिए शराब के धंधे में लगे हुए हैं उन्हें इस कार्य में अच्छी राशि मिल जाती है। इस तरह के अनेक मामलों पर 14 फरवरी को सुनवाई होगी।

पटना हाईकोर्ट ने कहा कि एक से दूसरी जगह शराब ले जाना कोई मामूली बात नहीं है, जबतक पुलिस और उत्पाद विभाग के अधिकारी इसमें संलिप्त नहीं हों। कोर्ट ने इस मामले में जिलाधिकारियों से 13 फरवरी तक अपने स्तर से जवाब देने का आदेश दिया।

न्यायमूर्ति डॉक्टर अनिल कुमार उपाध्याय की एकलपीठ शराब के साथ पकड़े गए लोगों की ओर से दायर जमानत अर्जी पर बुधवार को सुनवाई कर रही थी। कोर्ट ने सभी मामलों की सुनवाई के लिए अगली तारीख 14 फरवरी तय की।

तीन वर्षों में एक लाख 67 हजार लोग पकड़े गए

बिहार में पांच अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू हुई थी। बीते तीन वर्षों में शराबबंदी कानून के तहत 1 लाख 67 हजार लोगों को गिरफ्तार किया गया और करीब 52 लाख दो हजार 80 लीटर शराब बरामदगी की गई।

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