Move to Jagran APP

Bihar News: तत्कालीन न्यायाधीश व उनकी पत्नी के खिलाफ FIR रद करने से कोर्ट का इंकार, होम गार्ड की हत्या से जुड़ा है मामला

पटना हाई कोर्ट ने खगडिया परिवार न्यायालय के तत्कालीन न्यायाधीश राज कुमार एवं उनकी पत्नी के खिलाफ अपने ही होम गार्ड की कथित हत्या के मामले में दर्ज हुई प्राथमिकी को निरस्त करने से इंकार किया है। न्यायाधीश बिबेक चौधरी की एकलपीठ ने याचिका खारिज कर कहा कि प्राथमिकी केस डायरी मृत्यु समीक्षा रिपोर्ट एवं अन्य दस्तावेज देखने से अभियुक्त दंपत्ति के खिलाफ प्रथम दृष्टया का अपराधिक मामला बनता है।

By Sunil Raj Edited By: Shoyeb Ahmed Updated: Fri, 03 May 2024 11:43 AM (IST)
Hero Image
तत्कालीन न्यायाधीश व उनकी पत्नी के खिलाफ FIR रद करने से कोर्ट का इंकार (File Photo)
राज्य ब्यूरो, पटना। पटना हाई कोर्ट ने खगडिया परिवार न्यायालय के तत्कालीन न्यायाधीश राज कुमार एवं उनकी पत्नी के खिलाफ अपने ही होम गार्ड की कथित हत्या मामले में दर्ज हुई प्राथमिकी निरस्त करने से इंकार कर दिया है।

न्यायाधीश बिबेक चौधरी की एकलपीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि शिकायतकर्ता द्वारा दर्ज प्राथमिकी, केस डायरी, मृत्यु समीक्षा रिपोर्ट एवं अन्य दस्तावेज देखने से यह स्पष्ट होता है कि अभियुक्त दंपत्ति के खिलाफ प्रथम दृष्टया का अपराधिक मामला बनता है।

होम गार्ड के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज

न्यायाधीश ने कहा कि सबूतों की सच्चाई और आरोपियों की अपराध में संलिप्तता मुकदमे के ट्रायल होने से ही निर्धारण हो सकता है। इसलिए ऐसी परिस्थिति में प्राथमिकी को निरस्त नहीं किया जा सकता है।

इस घटना में दो अलग अलग प्राथमिकी दर्ज हुई थी। आारोपी न्यायिक पदाधिकारी द्वारा एक प्राथमिकी दर्ज कर अपने ही होम गार्ड वीरेंद्र सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

एसपी को दी गई जानकारी

इसमें कहा गया कि पहली फरवरी की सुबह जब वे सुबह सैर कर अपने आवासीय क्वॉर्टर लौटे तो देखा की उनके घर का गेट खुला है। इस पर उनकी गार्ड से कहा-सुनी हो गई।

होम गार्ड ने अपनी बंदूक न्यायिक अफसर पर तान दी। तब होम गार्ड से बंदूक छीन कर न्यायिक अफसर ने खगडिया एसपी इसकी जानकारी दी।

पटना हाई कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद खगडिया थाने में किया बयान दर्ज

दूसरी प्राथमिकी में होमगार्ड की संदिध हालात से हुई मौत के सिलसिले में उनके बेटे गौतम द्वारा की गई। पटना हाई कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद 23 फरवरी 2022 को खगडिया थाना में वीरेंद्र सिंह के बेटे द्वारा बयान दर्ज किया गया।

पिटाई के बाद पीड़ित को हुई थी खून की उल्टी

बयान में कहा गया सुबह झाडू-पोछा नहीं लगाने की वजह से होमगार्ड को आरोपी न्यायिक अफसर और उनकी पत्नी ने बुरी तरह से मारा, जिसके बाद पीड़ित होम गार्ड जवान को खून की उल्टी हुई। 

अस्पताल ले जाने के बाद उसे पटना स्थित पीएमसीएच रेफर किया गया जहां वीरेंद्र के इलाजरत रहते हुए 14 फरवरी 2022 को मौत हो गई।

खोपड़ी में मिले चोट के निशान

प्राथमिकी को दर्ज करने से पहले सुप्रीम कोर्ट के न्याय निर्देश के आलोक में खगड़िया पुलिस ने तत्कालीन जिला न्यायाधीश से संपर्क करते हुए पटना हाई कोर्ट प्रशासन से आरोपी न्यायिक अफसर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति भी ली गई थी।

वीरेंद्र की मौत के तीन महीने बाद खगडिया थाना कांड संख्या 157/2022 में हत्या कांड की सजा ( दफा 302) भी पुलिस ने जोड़ा क्योंकि चिकित्सकों की राय में वीरेंद्र की सीटी स्कैन में उसके खोपड़ी में चोट के निशान मिले थे।

ये भी पढ़ें-

Bihar News: बिहार के छपरा में सुबह-सुबह फायरिंग, टहलने निकले युवक के सीने में उतारी गोली; परिवार में मचा कोहराम

Bihar Sharif News: गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंजा इलाका, बदमाशों ने की 25 राउंड फायरिंग; इस बात पर मचा बवाल

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।