Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

'बिना अनुमति शादी करने पर दूसरी पत्नी को नहीं मिलेगा पेंशन का लाभ', पटना हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला

पटना हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कहा है कि अगर कोई सरकारी कर्मचारी बिना अनुमति के दूसरी शादी करता है तो उसकी दूसरी पत्नी पेंशन और अन्य लाभों की हकदार नहीं होगी। यह फैसला न्यायाधीश हरीश कुमार की एकल पीठ ने बेबी देवी की याचिका को खारिज करते हुए दिया है। इस मामले में याचिकाकर्ता ने पति की मृत्यु के बाद पेंशन का दावा किया था।

By Vikash Chandra Pandey Edited By: Rajat Mourya Updated: Fri, 13 Sep 2024 08:47 PM (IST)
Hero Image
सरकारी कर्मचारी ने बिना अनुमति दूसरा विवाह किया है तो दूसरी पत्नी पेंशन एवं अन्य लाभ की हकदार नहीं होगी।

विधि संवाददाता, पटना। पटना हाई कोर्ट ने तय कर दिया कि यदि सरकारी कर्मचारी ने बिना अनुमति दूसरा विवाह किया है तो दूसरी पत्नी पेंशन एवं अन्य लाभ की हकदार नहीं होगी। न्यायाधीश हरीश कुमार की एकल पीठ ने बेबी देवी की याचिका को निरस्त करते हुए गुरुवार को यह आदेश दिया।

अधिवक्ता श्रीकांत पांडेय ने कोर्ट को बताया कि नागेंद्र सिंह की दूसरी पत्नी बेबी देवी हैं। वर्ष 2020 में श्रमिक के रूप में काम करने के दौरान सबौर स्थित बिहार कृषि विश्वविद्यालय में नागेंद्र की मृत्यु हो गई थी। वित्त विभाग का नियमन है कि यदि किसी कर्मी की एक से अधिक विधवाएं जीवित हों, तो पेंशन का भुगतान बराबर हिस्से में किया जाएगा।

याचिका के विरोध में अधिवक्ता ने क्या कहा?

याचिका का विरोध करते हुए अधिवक्ता आरके शुक्ला ने कोर्ट को बताया कि पेंशन एवं अन्य लाभ के भुगतान को लेकर पहली पत्नी समुंदर देवी भी पूर्व में हाई कोर्ट के समक्ष याचिका दायर की थीं। वर्ष 2023 में न्यायाधीश पूर्णेंदु सिंह की एकल पीठ ने विश्वविद्यालय को आदेश दिया था कि वह यह सुनिश्चित करे कि कर्मचारी ने दूसरी शादी करने से पहले विश्वविद्यालय से अनुमति ली थी या नहीं।

आदेश में यह टिप्पणी की गई थी कि यदि दूसरी शादी की अनुमति नहीं ली गई है तो पहली पत्नी पेंशन एवं अन्य लाभ की हकदार होगी। विश्वविद्यालय ने जून, 2024 में साक्ष्य के आधार पर पहली पत्नी के हक में निर्णय देते हुए उसे सभी लाभ का हकदार माना। इस बीच दूसरी पत्नी ने विश्वविद्यालय के निर्णय को कोर्ट में चुनौती दी।

अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि दिनांक विश्वविद्यालय का संकल्प स्पष्ट रूप से दूसरी पत्नी को पारिवारिक पेंशन देने पर रोक लगाता है। हालांकि, दूसरी पत्नी के बच्चे आनुपातिक लाभ के लिए हकदार हैं। इस मामले में दूसरी पत्नी से पैदा हुई दोनों बेटियों की शादी हो चुकी है। एकल पीठ ने तथ्यों का अवलोकन कर दूसरी पत्नी की याचिका को निरस्त कर दिया।

आपके शहर की तथ्यपूर्ण खबरें अब आपके मोबाइल पर