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सरकारी कर्मचारियों पर पटना हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, फीडर कैडर सहायकों के प्रमोशन पर लगाई रोक

पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) ने फीडर कैडर सहायकों की सेवा अवधि का आकलन करते हुए उन्हें सेक्शन ऑफिसर अवर सचिव एवं संयुक्त सचिव के पदों पर कोई भी तदर्थ पदोन्नति देने पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि रीट याचिका के निष्पादन तक फीडर कैडर के सहायकों को उक्त वर्णित पदों पर तदर्थ पदोन्नति नहीं दी जाएगी।

By Arun Ashesh Edited By: Rajat Mourya Updated: Mon, 07 Oct 2024 07:15 PM (IST)
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फीडर कैडर सहायकों की प्रोन्नति पर पटना हाई कोर्ट ने लगाई रोक
विधि संवाददाता, पटना। पटना हाई कोर्ट ने अपने फैसले से फीडर कैडर सहायकों की सेवा अवधि का आकलन करते हुए उन्हें सेक्शन ऑफिसर, अवर सचिव एवं संयुक्त सचिव के पदों पर कोई भी तदर्थ पदोन्नति देने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है।

न्यायाधीश बिबेक चौधरी की एकलपीठ ने नेमनी दास एवं अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए स्पष्ट किया कि रीट याचिका के निष्पादन तक फीडर कैडर के सहायकों को उक्त वर्णित पदों पर तदर्थ पदोन्नति नहीं दी जाएगी। कोर्ट ने वरीय अधिवक्ता वाई वी गिरि एवं निवेदिता निर्विकार को सुनते हुए उक्त आदेश पारित किया।

याचिका द्वारा कोर्ट के समक्ष यह मुद्दा उठाया गया है कि फीडर संवर्ग सहायकों से तदर्थ आधार पर अवर सचिव और संयुक्त सचिव के पदों पर उनकी सेवा अवधि को ध्यान में रखते हुए पदोन्नति बिहार सचिवालय सेवा अधिनियम और उसमें बनाए गए नियमों के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए मूल अधिनियम में संशोधन किए बिना नहीं की जा सकती है।

कोर्ट को बताया गया कि बिहार सचिवालय सेवा अधिनियम 2007 और उसके अधीन बनाए गए नियमों में प्रशाखा पदाधिकारी के पद पर प्रोन्नति की प्रक्रिया का स्पष्ट उल्लेख है, जिसमें कहा गया है कि प्रशाखा पदाधिकारी के संवर्ग का 80 प्रतिशत सामान्य प्रोन्नति से भरा जाएगा।

इस संवर्ग का 20 प्रतिशत सीमित विभागीय परीक्षा द्वारा भरा जाएगा तथा उनकी पारस्परिक वरिष्ठता प्रशाखा पदाधिकारी के संवर्ग में ग्रेडेशन सूची तैयार कर निर्धारित की जाएगी। इसमें सफल सहायकों को सामान्य प्रोन्नति से पहले सामूहिक रूप से रखा जाएगा। इस नियम का उल्लंघन 05 जून 2018 की अधिसूचना के आधार पर नहीं किया जा सकता है। अगली सुनवाई 28 अक्टूबर को होगी ।

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