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बस-कैब चालक सावधान! गाड़ी तेज चलाई तो तुरंत कटेगा चालान, कंट्रोल रूम में लग गया है ये सिस्टम

Patna News बिहार में वाहनों की लाइव ट्रैकिंग शुरू की गई है जिसमें सार्वजनिक परिवहन के वाहन आदि शामिल हैं। सार्वजनिक वाहनों की मॉनीटरिंग के लिए परिवहन विभाग ने सॉफ्टवेयर विकसित किया है। इससे जानकारी मिलेगी कि कौन सा वाहन कहां तेज गति से चल रहा है? इसके बाद ओवरस्पीड वाली बसों या कैब का चालान काटा जाएगा।

By Edited By: Aysha SheikhUpdated: Sat, 23 Sep 2023 04:12 PM (IST)
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बस-कैब चालक सावधान!!! आपके वाहन की लाइव ट्रैकिंग शुरू

राज्य ब्यूरो, पटना : Bus-Cab Live Tracking: राज्य में बस और कैब जैसे सार्वजनिक परिवहन के वाहनों की लाइव ट्रैकिंग शुरू हो गई है। इसके लिए सार्वजनिक वाहनों में वीएलटीडी (व्हीकल लोकशन ट्रैकिंग डिवाइस ) लगाया गया है, ताकि उनकी लाइव मॉनीटरिंग की जा सके।

परिवहन विभाग मुख्यालय में इसके लिए कमांड एंड कंट्रोल सेंटर बनाया गया है, जहां से सार्वजनिक वाहनों पर नजर रखी जा रही है।

परिवहन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, एक अगस्त से 21 सितंबर तक सभी जिलों में गति सीमा का उल्लंघन करते हुए कुल 2311 बस और कैब पाई गई हैं, जिनका चालान काटा गया है।

सड़क दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा कारण

परिवहन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा कारण ओवरस्पीड है। ऐसे में सभी जिलों में तेज गति से चलने वाली बसों एवं कैब का ई-चालान कर जुर्माना वसूला जाएगा।

पिछले एक माह में जितनी बसों द्वारा गति सीमा का उल्लंघन किया गया है, उनका जिलावार विवरण तैयार किया गया है। इन सभी बस मालिकों को चालान निर्गत किया जा रहा है। लगातार चार बार उल्लंघन होने पर परमिट रद्द करने की भी कार्रवाई की जाएगी।

डीटीओ-एमवीआइ को जुर्माना वसूलने का निर्देश

राज्य परिवहन आयुक्त डॉ. आशिमा जैन ने बताया कि 1674 बसों को गति सीमा उल्लंघन के मामले में दोषी पाया गया है। इनकी रफ्तार 80 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक थी। वहीं 637 कैब हैं, जिन्हें 100 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिक रफ्तार से चलाया जा रहा था।

कमांड एंड कंट्रोल सेंटर द्वारा जारी रिपोर्ट के आधार पर ऐसी बसों और कैब के मालिकों से जुर्माना वसूला जाएगा। इसके लिए सभी जिला परिवहन पदाधिकारी (डीटीओ) और मोटरयान निरीक्षक (एमवीआइ) को निर्देश दिया गया है।

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विभाग ने तैयार किया है सॉफ्टवेयर

सार्वजनिक वाहनों की मॉनीटरिंग के लिए परिवहन विभाग द्वारा सॉफ्टवेयर विकसित किया गया है। इसके जरिए कंट्रोल रूम से ही जानकारी मिल रही है कि कौन सा वाहन कहां तेज गति से चल रहा है।

इसके बाद सैटेलाइट आधारित तकनीक के माध्यम से साइंटिफिक एविडेंस क्रिएट हो जाता है। इसमें कितनी जगह, कितनी बार बस या कैब के ड्राइवर ने गति सीमा तोड़ी, इसका ब्योरा इंटरनेट के माध्यम से सीधे कंट्रोल रूम में आ जाता है।

सार्वजनिक परिवहन की गाड़ियों में व्हीकल लोकशन ट्रैकिंग डिवाइस एवं इमरजेंसी बटन लगाना एवं उसे सक्रिय रखना अनिवार्य किया गया है। सभी प्रकार की सड़कों और वाहनों के प्रकार के लिए गति सीमा निर्धारित है।

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