पटना के इन इलाकों में भी अब घर बनाने को पास कराना होगा नक्शा, देखें सरकार का मास्टर प्लान
संपूर्ण दानापुर-खगौल पुनपुन फुलवारी संपतचक सदर ग्रामीण के साथ ही बिहटा दनियांवा फतुहा खुसरूपुर मनेर मसौढ़ी नौबतपुर धनरुआ के आंशिक इलाकों में अब बिना नक्शा पास कराए आवासीय निर्माण पर रोक लगा दी गई है। ये इलाके पटना मेट्रोपोलिटन ऑथिरिटी के अंतर्गत आते हैं।
By Akshay PandeyEdited By: Updated: Thu, 24 Dec 2020 12:14 PM (IST)
श्रवण कुमार, पटना : संपूर्ण दानापुर-खगौल, पुनपुन, फुलवारी, संपतचक, सदर ग्रामीण के साथ ही बिहटा, दनियांवा, फतुहा, खुसरूपुर, मनेर, मसौढ़ी, नौबतपुर, धनरुआ के आंशिक इलाकों में अब बिना नक्शा पास कराए आवासीय निर्माण पर रोक लगा दी गई है। ये इलाके पटना मेट्रोपोलिटन ऑथिरिटी के अंतर्गत आते हैं। पटना मास्टर प्लान 2031 को कार्यरूप देने के लिए उप विकास आयुक्त रिची पांडेय ने निदेशक कुमार सर्वानंद के साथ बुधवार को दो घंटों तक मंत्रणा की। इस दौरान यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया कि मेट्रोपोलिटन ऑथिरिटी के अधीन आने वाले 1024.63 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में बिना नक्शा पास कराए निर्माण कार्य नहीं हों। इसके साथ ही यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया है कि आवासीय इलाकों में बिना अनुमति दुकान, व्यावसायिक और औद्योगिक प्रतिष्ठान या इकाई नहीं खोले जाएं। निर्देश के उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
मौजावार सर्वे कर सात श्रेणियों में किया जाना है वर्गीकरणऑथिरिटी के अधीन आने वाले इलाके का मौजावार सर्वे कर सात श्रेणियों में वर्गीकरण किया जाना है। डीडीसी ने ऑथिरिटी के निदेशक को वर्गीकरण के बाद सूची सौंपने के लिए कहा है। आवासीय, व्यावसायिक, अर्बन एग्रीकल्चर, कंजर्वेशन, मिक्स यूज, इंडस्ट्रियल और पब्लिक प्लेस के रूप में इलाके बांटे जाएंगे। कुछ क्षेत्र ओपन स्पेश के रूप में भी रहेगा। सर्वे में मौजावर यह स्पष्ट करना होगा कि किस मौजे का उपयोग किस कार्य के लिए होगा। सर्वेक्षण तेरह प्रखंडों के 581 प्रशासनिक इकाई के 1167 वर्ग किलोमीटर रकबा का होना है। इनमें से छह इकाइयों का 142.41 एकड़ रकबा नगर निकायों के अधीन आता है। 575 ग्रामीण प्रशासनिक इकाई का 1024.63 वर्ग किलोमीटर रकबा पर ऑथिरिटी द्वारा महानगरीकरण कार्य किया जाना है।
व्यवस्थित ढंग से किया जाना है शहरीकरण मास्टर प्लान के तहत 2031 तक इन इलाकों में व्यवस्थित ढंग से शहरीकरण किया जाना है। अक्टूबर 2016 में ही राज्य मंत्रिमंडल ने मास्टर प्लान 2031 की स्वीकृति दी है। बुधवार को डीडीसी और ऑथिरिटी निदेशक के बीच हुई मंत्रणा के बाद कार्ययोजना की गति तेज होने की उम्मीद जगी है।
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