Move to Jagran APP

Patna Nagar Nigam: पटना में प्‍लास्टिक कचरा बना नगर निगम की आमदनी का जरिया, नेपाल से मेरठ तक हो रही आपूर्ति

Patna Nagar Nigam News प्लास्टिक कचराअब नहीं बनेगा खतरा पटना नगर निगम और यूएनडीपी के प्रयास से री-साइकिलिंग बन रहे गट्टे ले जा रहीं प्लास्टिक सामान बनाने वाली इकाइयां 35 टन गट्टा अब तक हो चुका है तैयार 491 कचरा चुनने वालों की आर्थिक स्थिति में हुआ सुधार

By Shubh Narayan PathakEdited By: Updated: Mon, 05 Apr 2021 08:10 AM (IST)
Hero Image
पटना में प्‍लास्‍ट‍िक का बेहतर उपयोग कर रहा निगम। फाइल फोटो
पटना, मृत्युंजय मानी। Patna Nagar Nigam News: प्लास्टिक का कचरा पर्यावरण के लिए खतरा है। इसके कारण गंदगी, नाला-नाली जाम और भूमि की उर्वरा शक्ति कम होती जा रही है। जीवों का अस्तित्व भी खतरे में है। राजधानी पटना में बेकार प्लास्टिक को गर्दनीबाग में स्वच्छता केंद्र में लगी मशीनों में गलाकर प्लास्टिक के सामान बनाने के लिए गट्टे (प्लास्टिक के छोटे टुकड़े) तैयार किए जा रहे हैं। इससे 491 कचरा चुनने वालों के जीवन में खुशियां आई हैं। पटना नगर निगम और यूनाइटेड नेशन डेवलपमेंट प्रोग्राम (यूएनडीपी) के संयुक्त प्रयास से री-साइकिलिंग के बाद निर्मित प्लास्टिक के गट्टे को बाजार भी मिल गया है। पटना नगर निगम के आयुक्त हिमांशु शर्मा ने कहा कि बेकार प्लास्टिक कचरा नाली-नाले को जाम कर देता है। इसके गट्टे बनाकर पुन: प्लास्टिक उत्पादों को बनाने वाली फैक्ट्रियों को उपलब्ध कराने से पर्यावरण संरक्षण हो रहा है।

नेपाल, कानपुर और मेरठ में मिल रहा बाजार

पटना में उत्‍पादित प्‍लास्टिक के गट्टे की नेपाल, कानपुर और मेरठ में इसकी आपूर्ति होने लगी है। 35 टन गट्टे की आपूर्ति हो चुकी है। यूएनडीपी के प्रोग्राम आफिसर अरविंद कुमार और नूतन राजधानी अंचल के कार्यपालक पदाधिकारी कुमार पंकज के अनुसार राज्य में पहली बार पटना में बेकार प्लास्टिक का इस्तेमाल होने लगा है।

ऐसे होती री-साइकिलिंग

गट्टे बनाने वाली मशीन का संचालन एक साथ पांच श्रमिक करते हैं। 50 किलोवाट की मशीन में प्लास्टिक कचरा डालते ही गल जाता है। दूसरी ओर छोटे-छोटे टुकड़े निकलते हैं और सीधे पानी के डिब्बे में गिरते हैं। उसके बाद उसे अलग किया जाता है। दिल्ली से 8.50 लाख रुपये में यह मशीन खरीदी गई है।

घरों से प्लास्टिक संग्रह

पटना नगर निगम घरों से प्रत्येक सप्ताह दूध सहित अन्य तरह के वेस्ट प्लास्टिक का संग्रह कर रहा है। लोगों को एक सप्ताह तक प्लास्टिक रखने के लिए थैले भी दिए गए हैं। पटना में प्रतिदिन सात लाख दूध के प्लास्टिक पैकेट निकलते हैं। हजारों की संख्या में रोज सरसों तेल और रिफाइंड के भी पैकेट निकलते हैं।

कचरा चुनने वालों को रोजगार

वेस्ट प्लास्टिक के इस्तेमाल से कचरा चुनने वाले 491 लोगों को रोजगार मिला है। पटना नगर निगम क्षेत्र में 1267 परिवार के 3868 लोग कचरा चुनते हैं। यूएनडीपी और पटना नगर निगम कचरा चुनने वालों के जीवनस्तर में सुधार की योजना बना रहा है।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।