Patna News: पटना में नोट डबल करने के चक्कर में ठेकेदार ने गंवाए 50 लाख, तीन लोगों को किया गया गिरफ्तार;
Patna News पटना में 50 लाख रुपये की ठगी का मामला उजागर हुआ है। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ठगी का शिकार हुए ठेकेदार ने जमीन खरीदने के लिए मुंबई के एक व्यक्ति को पैसे दिए थे। लेकिन बाद में उसे पता चला कि जमीन की कीमत बढ़ गई है। जब उसने अपने पैसे वापस मांगे तो उसे धोखाधड़ी का शिकार बनाया गया।
जागरण संवाददाता, पटना। Patna News: दीघा थाना क्षेत्र के सीपी शुक्ला रोड में पुलिसकर्मी बता आए शातिरों द्वारा 50 लाख रुपये ठगने के मामले में नया मोड़ आया है। पुलिस ने जब मामले की तफ्तीश शुरू की तो प्याज के छिलके की तरह परत दर परत खुलती चली गई। मामले में पुलिस ने तीन आरोपितों को भी गिरफ्तार किया है।
उनकी पहचान फुलवारीशरीफ के खलिलपुरा निवासी मो. आजाद, भुसौला निवासी मो. आमिरूद्दीन और फेडरन कालोनी निवसी मो. करीम आलम को शामिल हैं। उनके पास से दो इनोवा वाहन और तीन मोबाइल भी मिले हैं। सिटी एसपी (मध्य) चंद्र प्रकाश के मुताबिक, पूरा मामला नोट डबल करने के नाम पर ठगी से जुड़ा है।
झांसे में आकर ठेकेदार मनीष कुमार ने 50 लाख रुपये गंवा दिए। उन रुपयों को हड़पने के लिए मुंबई निवासी भानुदास शांताराम और पटना के प्रदीप बंसल उर्फ नसीम साजिश रची थी।
ठेकेदार ने कही थी जमीन की खरीद में धोखाधड़ी की बात
दरअसल, 21 अगस्त को अनिसाबाद की शिवपुरी कालोनी निवासी ठेकेदार मनीष कुमार ने दीघा थाने पहुंच कर बताया कि मुंबई निवासी मित्र से उन्होंने जमीन खरीदने की इच्छा जाहिर की थी। उसके कहने पर वे प्रदीप बंसल से मिले, जिसने असगर खान नामक व्यक्ति के खाते में 50 लाख रुपये जमा करवाए थे।
बाद में प्रदीप ने कहा कि जमीन की कीमत बढ़ गई है, तब उन्होंने रुपये मांगे तो उन्हें पालसन रोड स्थित महेंद्रपुरम अपार्टमेंट बुलाया गया। वहां असगर खान ने 50 लाख रुपये लौटने के बाद अपनी इनोवा कार से घर तक छोड़ने की बात कही।
इस बीच सीपी शुक्ला रोड में दूसरी इनोवा से रहे अपराधियों ने स्वयं को पुलिसकर्मी बताकर गाड़ी रुकवा ली। वे आर्मी की वर्दी जैसा पोशाक पहने थे। उन्होंने चालक को पीटा, फिर गाड़ी से रुपयों से भरा बैग लेकर फरार हो गए। इस घटना को गंभीरता से लेते हुए एसडीपीओ (विधि-व्यवस्था) दिनेश पांडेय के नेतृत्व में टीम गठित की गई थी।
सीसी कैमरों से हुई वाहनों की पहचान
पुलिस ने घटनास्थल के समीप लगे सीसी कैमरों के फुटेज से दोनों इनोवा का रजिस्ट्रेशन नंबर खोजा और उसके जरिये मालिकों की पहचान की। फुटेज में दिखा कि जिस गाड़ी पर असगर और मनीष थे, वह मो. आजाद चला था। यह गाड़ी सीपी शुक्ला रोड से एयरपोर्ट की तरफ चली गई थी।
वहीं, दूसरी इनोवा का चालक अमित कुमार पालसन रोड में आगे बढ़ गया। पुलिस ने मो. आजाद को गिरफ्तार किया तो उसने बताया कि पुलिसकर्मी बन गाड़ी रोककर बैग निकालने की साजिश पहले से ही रची गई थी। इसमें असगर के दो साथी आमिरूद्दीन और करीम भी साथ थे। तब पुलिस ने उन्हें भी धर दबोचा।
रुपयों से भरा बैग लेकर प्रदीप हो गया गायब
छानबीन में मालूम हुआ कि महेंद्रपुरम अपार्टमेंट स्थित फ्लैट पर नसीम भी मौजूद था, जिसे मनीष प्रदीप बंसल के रूप में जानते थे। उसने मनीष के सामने पांच लाख रुपये को 10 बार में ऐसे गिना कि उसे लगा कुल 50 लाख रुपये हैं। रुपये घुमा-घुमा कर दीवार में की गई छेद से भेजे जा रहे थे। प्रदीप ने पहले से एक जैसे दिखने वाले हरे रंग के दो बैग मंगवा रखे थे।
पांच को 50 लाख बता कर जिस हरे रंग के बैग में नकदी रखी गई थी, उसे प्रदीप पहले ही लेकर निकल गए। दूसरे बैग में रद्दी कागज रखे गए थे। इसके बाद असगर ने कहा कि मैं आपको अपनी गाड़ी से घर छोड़ देता हूं। मनीष तैयार हो गए और रास्ते में उनसे रद्दी भरा बैग छीन लिया गया।
यह खेल इसलिए रचा गया था, ताकि मनीष के 50 लाख रुपये हड़प लिए जाए। यह रकम उन्होंने भानुदास के कहने पर प्रदीप को डबल (दोगुना) करने के लिए दिया था।
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