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Patna News: पटना में नवजात को बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़, एएनएम समेत 10 गिरफ्तार; 55 हजार में बेची गई थी बच्ची

Patna News बिहार की राजधान पटना के बख्तियारपुर से नवजात को बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। बचपन बचाओ आंदोलन की सूचना पर पटना पुलिस ने दो चिकित्सकों समेत 10 लोगों की गिरफ्तारी के बाद शुक्रवार को नवजात बच्चे और बच्चियों को बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। दो बच्चियों की भी बरामदगी हुई जो तीन और आठ दिनों की हैं।

By Prashant Kumar Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Sat, 24 Feb 2024 01:50 PM (IST)
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पटना में नवजात को बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़ (जागरण)
 जागरण संवाददाता, पटना। Patna News: बचपन बचाओ आंदोलन की सूचना पर पटना पुलिस ने दो चिकित्सकों समेत 10 लोगों की गिरफ्तारी के बाद शुक्रवार को नवजात बच्चे और बच्चियों को बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। दो बच्चियों की भी बरामदगी हुई, जो तीन और आठ दिनों की हैं।

एक बच्ची को समाज कल्याण विभाग की निगरानी में रखा गया है, जबकि तीन दिन पहले जन्मी बच्ची पीएमसीएच में है। गिरफ्तार आरोपितों में स्वयं को होमियोपैथी डाक्टर बताने वाले परमानंद कुमार यादव एवं सतीश कुमार, एएनएम ऊषा देवी, संजू देवी, अर्चना कुमारी, संगीता देवी, अमित कुमार, आकाश कुमार, सोनू कुमार और राहुल कुमार शामिल हैं। जबकि, नवीन कुमार फरार है।

परमानंद ने न्यू बाइपास पर मणिपाल हास्पिटल और नवीन ने बख्तियारपुर में देवम हास्पिटल खोल रखा है। जिला प्रशासन के सहयोग से पुलिस दोनों निजी अस्पतालों के कागजात का सत्यापन करेगी। अस्पतालों को सील करने की भी कार्रवाई की जा रही है।

इसकी जानकारी सिटी एसपी (पश्चिमी) अभिनव धीमान ने दी। एएसपी की सतर्कता से बिकने से बची बच्ची एनजीओ की टीम ने दानापुर एएसपी दीक्षा को सूचना दी कि खगौल लख से एक स्कार्पियो गुजरने वाली है, जिसमें सवार लोग आठ दिन पहले जन्मी बच्ची को बेचने जा रहे हैं। एएसपी ने स्वयं दलबल के साथ घेराबंदी कर दी और स्कार्पियो को रोक लिया। गाड़ी अमित चला रहा था, जबकि ऊषा और संगीता पीछे वाली सीट पर बच्ची को लेकर बैठी थीं।

दोनों महिलाओं ने बताया कि वे नौबतपुर की रहने वाली हैं। पूछताछ में उन्होंने बताया कि उनकी गाड़ी के आगे बाइक से दो लाइनर जा रहे हैं। इसके बाद उन दोनों को भी पकड़ा गया। थाने पर सख्ती बरतने के बाद उन्होंने बताया कि इस बच्ची को बिहटा में एक दंपती को बेचना था। इसके बदले में उन्होंने डेढ़ लाख रुपये लिए थे। पुलिस को लेन-देन के प्रमाण भी मिले हैं।

ऊषा खगौल के एक अस्पताल में एएनएम है। उसी ने मणिपाल हास्पिटल और दंपती के बीच सौदा कराया था। नवीन ने 55 हजार में खरीदी थी बच्ची पुलिस ने मणिपाल हास्पिटल में दबिश देकर परमानंद को गिरफ्तार किया। उसकी पत्नी सरकारी कर्मचारी हैं।

उसने पुलिस पर धौंस जमाने की कोशिश की, लेकिन ऊषा से आमना-सामना होते ही वह टूट गया। उसने बताया कि इस बच्ची को नवीन कुमार के देवम अस्पताल से 55 हजार रुपये में खरीदा गया था। इसके बाद पुलिस ने बख्तियापुर स्थित देवम अस्पताल में दबिश दी।

हालांकि, नवीन को पुलिस के आने की भनक लग गई थी। वह फरार हो गया था। लेकिन, उसके अस्पताल से तीन दिनों की एक बच्ची मिली। उसके माता-पिता के बारे में कोई जानकारी नहीं मिलने पर एनजीओ की टीम ने पुलिस के सहयोग से उसे पीएमसीएच पहुंचा दिया। परमानंद के बारे में कई अहम जानकारियां हासिल हुई हैं। उसकी पूरी कुंडली खंगाली जा रही है।

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