राज्य ब्यूरो, पटना। Patna News:
अभी शहरों के प्लानिंग एरिया के अंदर नक्शा पास करने की जवाबदेही निकायों के अधिकारियों के पास है, मगर इसके बाहर के क्षेत्र में नक्शा पास करने को लेकर कोई तय मानदंड नहीं है। ऐसे इलाकों में मुख्य तौर पर मुखिया ही नक्शा पास करते हैं। अमूमन, मुखिया के पास नक्शा पास करने को लेकर कोई आर्किटेक्ट या तकनीकी कर्मचारी नहीं होता।
ऐसे में उनके द्वारा पास नक्शे पर प्रोजेक्ट का निबंधन फिलहाल रोक दिया गया है।
सूत्रों के अनुसार, फिलहाल राज्य भर में ऐसे 90 प्रोजेक्ट हैं, जो प्लानिंग एरिया से बाहर हैं। बिहटा से सटे रानी तालाब, दीघा पुल के पार, फतुहा के दक्षिण का हिस्सा और हाजीपुर-मुजफ्फरपुर रोड में प्रोजेक्ट होने के बावजूद उसको मंजूरी नहीं मिल पा रही है।
सरकार ने 44 प्लानिंग एरिया अधिसूचित किया
दरअसल, राज्य सरकार ने 44 प्लानिंग एरिया (आयोजना क्षेत्र) अधिसूचित किया है। इन आयोजना क्षेत्र में संबंधित शहरी इलाके के आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों को भी शामिल किया गया है। इन प्लानिंग एरिया के व्यवस्थित विकास को लेकर प्राधिकरण भी बनाया गया है, जिनके द्वारा भवन निर्माण को लेकर नक्शे की मंजूरी दी जाती है, मगर प्लानिंग एरिया से सटे ग्रामीण इलाकों के लिए अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है।
इस समस्या को देखते हुए बिहार रेरा ने पंचायती राज विभाग को चिट्ठी लिख कर जिला परिषदों को इसकी जिम्मेदारी दिए जाने की सलाह दी है, मगर अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है।