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पशुपालक ध्यान दें; गाय-भैंस के लिए 250 रुपये में मिलेगा सीमेन, 90 प्रतिशत तक बछिया या पड़िया ही पैदा होगी

Cow Semen पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग का दावा है कि इस सीमेन से 90 प्रतिशत तक बछिया या पड़िया ही पैदा होगी। हालांकि 10 प्रतिशत गाय-भैंस से अगर नर पशु पैदा होता है तो फिर ऐसे पशुपालकों द्वारा दावा करने पर सीमेन की राशि बैंक खाते में वापस करने का प्रविधान किया गया है। केंद्र सरकार ने यह पहल पशुपालकों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य से किया है।

By Raman ShuklaEdited By: Sanjeev KumarUpdated: Sun, 12 Nov 2023 01:17 PM (IST)
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अब 250 रुपये में ही मिलेगा गाय व भैंस के लिए सीमेन

राज्य ब्यूरो, पटना। पशुओं के कृत्रिम गर्भाधान के लिए अभी तक बाजार में औसतन 12 से 15 सौ रुपये में सीमेन मिलता था लेकिनअब वह सीमेन ढाई सौ रुपये में मिलेगा, क्योंकि केंद्र सरकार ने उस पर अनुदान की व्यवस्था कर दी है। देसी नस्लों के संवर्द्धन की योजना के तहत राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड सीमेन उपलब्ध कराएगा और सरकार अनुदान देगी। प्रति पशु (गाय-भैंस) दो बार सीमेन के लिए किसानों को अनुदान मिलेगा।

गर्भ नहीं ठहरा तो बैंक खाते में वापस आएगी राशि

गर्भ नहीं ठहरने पर पूरी राशि पशुपालकों के बैंक खाते में वापस आएगी। केंद्र सरकार ने यह पहल पशुपालकों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य से किया है।

सीमेन से 90 प्रतिशत तक बछिया या पड़िया ही पैदा होगी

पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग का दावा है कि इस सीमेन से 90 प्रतिशत तक बछिया या पड़िया ही पैदा होगी। हालांकि 10 प्रतिशत गाय-भैंस से अगर नर पशु पैदा होता है तो फिर ऐसे पशुपालकों द्वारा दावा करने पर सीमेन की राशि बैंक खाते में वापस करने का प्रविधान किया गया है।  

अहम यह है कि सीमेन से देसी नस्ल की उत्कृष्ट बछिया पैदा होगी। राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत यह पहल की गई है। अगले दो वर्ष यानी 2025 तक तीन लाख पशुओं के लिए दो बार सीमेन उपलब्ध कराया जाएगा।

1 329 पशु अस्पतालों में उपलब्ध होगा सीमेन

पशुपालकों की सुविधा के लिए राज्य के 1329 अस्पतालों में सीमेन की सुविधा उपलब्ध होगी। इसके अलावा निजी गर्भाधान कार्यकर्ताओं, पशु मित्र को भी सीमेन देने की तैयारी की जा रही है। विशेष सीमने से यह पहल त्वरित नस्ल सुधार कार्यक्रम के तहत किया गया है।

पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग विशेषज्ञों का दावा है कि 90 प्रतिशत सटीकता के साथ मादा पशु पैदा करने के लिए लिंग आधारित वीर्य का उपयोग करके त्वरित नस्ल सुधार कार्यक्रम लागू किया गया है। इससे पशुओं की उत्पादकता में सुधार करने, पशुओं और मनुष्यों दोनों को प्रभावित करने वाली बीमारियों को नियंत्रित करने, घरेलू और निर्यात बाजारों दोनों के लिए गुणवत्तापूर्ण पशुधन सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।

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