Cyber Crime: बैंकों के कस्टमर केयर के नाम पर ठगी करने वाले बड़े गिरोह का पर्दाफाश, ऐसे लगाते थे लोगों को लाखों का चूना
बैंकों और वित्तीय संस्थानों के कस्टमर केयर से मिलते-जुलते नंबर लेकर साइबर ठगी कर रहे दो अपराधियों को पटना से गिरफ्तार किया गया है। ईओयू ने तकनीकी जांच एवं टावर लोकेशन के आधार पर गिरोह के दो सदस्यों विकास रंजन और सूरज कुमार को पकड़ा है। ईओयू के अनुसार साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल 1930 पर ऑनलाइन ठगी की लगातार शिकायत मिल रही थी।
राज्य ब्यूरो, पटना। बैंकों और वित्तीय संस्थानों के कस्टमर केयर से मिलते-जुलते नंबर लेकर देश भर में साइबर ठगी कर रहे दो अपराधियों को पटना से गिरफ्तार किया गया है। बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की विशेष टीम ने तकनीकी जांच एवं टावर लोकेशन के आधार पर गिरोह के दो सदस्यों विकास रंजन और सूरज कुमार को पकड़ा है।
विकास पटना के पश्चिमी लोहानीपुर जबकि सूरज कुमार बिहारशरीफ के लहेरी का रहने वाला है। इनके पास से 17 मोबाइल फोन, 15 डेबिट कार्ड, 15 आधार कार्ड, लैपटाप के साथ दस से जयादा बैंकों के पासबुक और एक स्विफ्ट डिजायर कार भी बरामद की गई है।
ईओयू के अनुसार, साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल 1930 पर ऑनलाइन ठगी की लगातार शिकायत मिल रही थी। सत्यापन के बाद जांच की गई तो पता चला कि एक संगठित गिरोह के द्वारा कैपिटल फर्स्ट, उत्कर्ष स्माल फाइनेंस बैंक, बंधन बैंक, आईडीएफसी बैंक और फि्लपकार्ट आदि के कस्टमर केयर से मिलते-जुलते नंबरों का इस्तेमाल कर साइबर ठगी की जा रही है।
पूरे देश से साइबर पोर्टल पर ऐसी करीब 190 शिकायतें अब तक दर्ज हो चुकी है। इससे जुड़ा एक कांड पहले से पटना के साइबर थाने में भी दर्ज है।
परेशान ग्राहक खुद बन जाते थे शिकार
ईओयू के अनुसार, संगठित गिरोह के अपराधी उक्त कंपनियों और बैंकों के कस्टमर केयर नंबर से मिलते-जुलते नंबरों का सिम सक्रिय करा लेते थे। इसके बाद इन नंबरों को गूगल सर्च इंजन में डाल दिया जाता था जिसे आमलोग असली कस्टमर केयर नंबर समझ लेते थे।संबंधित बैंक या कंपनी से जुड़ी किसी तरह की परेशानी पर ग्राहक जब गूगल पर कस्टमर केयर का नंबर ढूंढते तो ठगों के नंबर दिखते। आमजन साइबर ठगों से असली कस्टमर केयर नंबर समझकर काल कर सहयोग मांगते और फिर ठगी के शिकार हो जाते।
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