Bihar Politics: 'सटोगे तो कटोगे'; RJD का BJP को जवाब, पटना में पोस्टर वॉर से गरमाई सियासत
सीएम योगी के बंटोगे तो कटोगे बयान के बाद से इस पर सभी राजनीतिक पार्टियां पोस्टर शेयर कर बीजेपी पर हमला बोल रही है। पटना में भी RJD ऑफिस के बाहर सीएम योगी के इसी बयान को लेकर राजद ने पोस्टर लगाए हैं जिसमें लोगों को बीजेपी से बचने की सलाह दी जा रही है। इस पोस्टर में लिखा है कि भाजपा से सटोगे तो कटोगे।
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में असली राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता अगर किन्हीं दो दलों के बीच दिखती है तो वह हैं भाजपा और राजद। एक-दूसरे का विरोध ही दोनों की राजनीति का आधार भी है। वह विरोध बहुधा शाब्दिक तौर पर बयानों-भाषणों में होता है। हालांकि, कभी-कभार पोस्टर-बैनर के जरिए भी तेवर मुखर होता है। इस बार कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है, जब राजद के प्रदेश कार्यालय के द्वार पर बीजेपी से सटोगे तो कटोगे के पोस्टर लगाए गए हैं।
पटना में जगह-जगह लगे पोस्टर
पटना में जगह-जगह RJD नेता बैनर लगाकर जनता को भाजपा से सचेत रहने की सलाह दे रहे हैं। इस बैनर का थीम वाक्य है : 'भाजपा से सटोगे तो कटोगे'। वस्तुत: यह भाजपा के बंटेंगे तो कटेंगे वाले नारे की प्रतिक्रिया ही है।
RJD प्रवक्ता ने लगाए पोस्टर
पार्टी के पूर्व विधायक व प्रवक्ता ऋषि मिश्रा द्वारा ऐसा ही एक बैनर राजद के प्रदेश कार्यालय के द्वार पर लगाया गया है। उसमें बताया गया है कि भाजपा ने जनता को बरगलाने व सहयोगियों को ठगने के लिए क्या-क्या उपक्रम किए। पूरे बैनर में भाजपा पर आरोपों की झड़ी है। महंगाई, बेरोजगारी, सांप्रदायिकता, कॉरपोरेट साठगांठ के आरोप इतने अधिक हैं कि बैनर में ठूंस-ठूंस कर समा रहे हैं। इस कारण आरोप दो-तीन हाथ दूर से भी पढ़ने में नहीं आ रहे।
BJP ने भी शुरू किया पोस्टर वॉर
वहीं उससे थोड़ा आगे भाजपा कार्यालय के सामने टंगे बड़े-बड़े होर्डिंग-बैनर लालू-राबड़ी राज की आलोचना जैसे राजद को मुंह चिढ़ा रहे हैं। राजनीति में गहरी अभिरुचि रखने वाले शलभ श्रीवास्तव कहते हैं कि प्रचार के इस ढंग से ही तो भाजपा छोटे-छोटे मुद्दों को भी अपने पक्ष में मोड़ लेती है, जबकि विरोधी काम की बात भी आम जनता तक सही से नहीं पहुंचा पाते।वीरचंद पटेल पथ पर ही राजद कार्यालय के सम्मुख जदयू का प्रदेश कार्यालय अवस्थित है। उसकी सामने वाली चारदीवारी पर नौकरी व रोजगार से संबंधित दावे वाला बड़ा होर्डिंग लगा है। वस्तुत: इस मुद्दे पर पहले राजद ही मुखर हुआ था, लेकिन अब उससे तेज आवाज विरोधी पक्ष की हो गई है। प्रचार के इस तौर-तरीके का अंतर एक दूसरे उदाहरण से भी पुष्ट होता है।अभी भूमि सर्वेक्षण को लेकर जनमानस में विरोधाभास की स्थिति है। सर्वेक्षण की खामियां गिनाते सांसद सुधाकर सिंह इस मुद्दे को राजद के पक्ष में मोड़ने की जुगत में है। इसके लिए वे सभा-सम्मेलन आदि कर रहे। वीरचंद पटेल रास्ते पर इसकी मुनादी में हाथ-हाथ भर के होर्डिंग लगाए गए हैं। उस पर उकेरे गए अक्षर पढ़ने के लिए वाहन रोकना पड़ता है।
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