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Patna News: शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही! गंगा में समाया टीचर, 5वें दिन भी नहीं चला पता; गुस्से में शिक्षक

नासरीगंज घाट पर शिक्षक अविनाश के डूबने के बाद शिक्षकों में आक्रोश है। विभागीय निर्देश पर पांचवें दिन शिक्षक स्कूल जाने के लिए पहुंचे लेकिन महज 30 लाइफ जैकेट की उपलब्धता देखकर वे भड़क गए। इसी बीच जिलाधिकारी के स्कूल बंद करने के आदेश की सूचना मिलने पर शिक्षक शांत हुए। हालांकि पांचवें दिन भी डूबे शिक्षक का पता नहीं चलने पर उन्होंने नाराजगी जताई।

By Vyas Chandra Edited By: Mohit Tripathi Updated: Wed, 28 Aug 2024 08:55 AM (IST)
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तीन सौ शिक्षकों के लिए महज 30 लाइफ जैकेट देख भड़के शिक्षक। (सांकेतिक फोटो)
संवाद सहयोगी, दानापुर (पटना)। पटना के दानापुर में गंगा नदी पार करने के लिए नौका पर चढ़ने के दौरान एक शिक्षक डूब गया। शिक्षक अविनाश का पांचवे दिन भी कोई पता नहीं चल सका।

अपने साथी अविनाश के डूबने की घटना से शिक्षक आक्रोशित हैं। विभागीय निर्देश पर पांचवें दिन शिक्षक स्कूल जाने के लिए नासरीगंज घाट पहुंचे। यहां करीब तीन सौ शिक्षकों के लिए महज 30 लाइफ जैकेट की उपलब्धता पर शिक्षक नाराज हो गए।

डीएम के आदेश के बाद शांत हुए शिक्षक

सूचना के बाद पहुंचे बीडीओ ने समझाने का प्रयास किया, लेकिन शिक्षक जान जोखिम में डालकर स्कूल जाने को तैयार नहीं थे।

संयोग से इसी बीच स्कूलों को बंद किए जाने के जिलाधिकारी के आदेश की सूचना मिली, तब शिक्षक शांत हुए। हालांकि, पांचवें दिन भी डूबे शिक्षक का पता नहीं चलने पर उन्होंने नाराजगी जताई।

क्या है पूरा मामला

सुबह में पटना में गंगा नदी पर स्थित नासरीगंज घाट पर शिक्षक पहुंचे। यहां नाविक, गोताखोर तो दिखे लेकिन उनके पास लाइफ जैकेट नहीं थे। एसडीआरएफ की टीम भी मुस्तैद थी।

सुबह सवा आठ बजे पहुंचे शिक्षक लाइफ जैकेट का इंतजार करते रहे। इसी क्रम में उन्हें 30 लाइफ जैकेट की उपलब्धता की जानकारी दी गई। इसपर वे नाराज हो गए।

बीडीओ से शिक्षकों की नोंकझोंक

सूचना मिलने पपर बीडीओ विभेष आनंद पहुंचे। उन्होंने शिक्षकों को समझाने का प्रयास किया। इस क्रम में शिक्षकों से उनकी नोकझोंक भी हुई। गंगा की लहर और तेज हवा देखकर शिक्षक बिना लाइफ जैकेट जाने को तेयार नहीं थे।

ऐसी नौबत ही नहीं आती: शिक्षक

जिलाधिकारी के गंगा के जलस्तर में वृद्धि के कारण शनिवार तक के लिए दियारा के स्कूल बंद किए जाने का आदेश की सूचना मिलने पर शिक्षक शांत हुए।

शिक्षकों ने कहा कि आज प्रशासन ने नाविक, गोताखोरों के साथ नाव उपलब्ध कराई, अगर पहले ही यह व्यवस्था हुई होती तो ऐसी नौबत ही नहीं आती।

स्कूलों को बंद करने को लेकर 13 अगस्त को ही पत्र दिया गया था, पर विभाग ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की। नतीजा हुआ कि मेरा एक साथी गंगा में डूब गया।

अविनाश के आश्रित को नौकरी देने की मांग

शिक्षकों ने गंगा में डूबे शिक्षक अविनाश को बरामद करने के साथ ही स्वजनों को सहायता राशि व आश्रित को नौकरी देने की मांग की।

कैसे डूब गए अविनाश

शुक्रवार सुबह करीब साढे आठ बजे फतुहां के सरथुआ तोप निवासी राम करण प्रसाद के पुत्र अविनाश (28) नासरीगंज घाट पर स्कूल जाने के लिए नाव पर चढ़ने के दौरान गंगा में डूब गए थे।

वे उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय में गणित शिक्षक थे। घटना के बाद से एसडीआरएफ की टीम उनकी तलाश में जुटी है। बख्तियारपुर तक सर्च आपरेशन चलाया गया लेकिन उनका कोई सुराग नहीं मिल सका है।

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