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Patna Zoo: चिड़ियाघर में अंडों से निकले 38 घड़ियाल के नन्हें बच्चे, धूप का मजा लेने पानी से आए बाहर

संजय गांधी जैविक उद्यान में तीन मादा घड़ियाल के अंडों से 38 से अधिक नन्हें घड़ियाल निकले हैं। सभी घड़ियाल के बच्चों को मुख्य केज से अलग नर्सरी में रख दिया गया है। ये संकट ग्रस्त हैं। ये मिट्टी की खोदाई कर अंडे देकर उन्‍हें ढक देते हैं। 90 से 100 दिनों के बीच इनके अंडे से बच्चे निकलते हैं। ज्यादा समय पानी में रहते हैं।

By Mritunjay ManiEdited By: Prateek JainUpdated: Tue, 18 Jul 2023 07:53 PM (IST)
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पटना जू में धूप का आनंद लेते घाड़ियाल के बच्चे
जागरण संवाददाता, पटना: संजय गांधी जैविक उद्यान में तीन मादा घड़ियाल के अंडों से 38 से अधिक नन्हें घड़ियाल निकले हैं। सभी घड़ियाल के बच्चों को मुख्य केज से अलग नर्सरी में रख दिया गया है। ये संकट ग्रस्त हैं।

ये मिट्टी की खोदाई कर अंडे देकर उन्‍हें ढक देते हैं। 90 से 100 दिनों के बीच इनके अंडे से बच्चे निकलते हैं। ज्यादा समय पानी में रहते हैं तथा धूप का आनंद लेने के के लिए पानी से बाहर आ जाते हैं।

50 साल तक जीते हैं घड़ि‍याल

उद्यान में 50 से अधिक बड़े घड़ियाल हैं। घड़ियाल ने अंडे मार्च में दिए थे। पिछले 25 घड़ियाल के बच्चों का जन्‍म हुआ था। इनकी औसतन उम्र 50 वर्ष होती है।

उद्यान में घड़ियालों का सफल प्रजनन वर्ष 2002 से हो रहा है। इस वर्ष प्रजनन योग्य अधिवास उपलब्ध कराए जाने पर बच्चे अंडे से निकले हैं। उद्यान में अब दो दर्जन घड़ियाल वयस्क हो गए हैं। भोजन के रूप में मछली लेते हैं। ठंड की मौसम में शीत निद्रा में चले जाते हैं।

चंबल के बाद गंडक नदी में सबसे ज्‍यादा घड़ि‍याल

बिहार में घड़ियालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। भारतीय वन्य जीव ट्रस्ट (डब्ल्यूटीआई) के सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, देश में चंबल अभ्यरण के बाद बिहार के गंडक नदी में सबसे ज्यादा घड़ियाल हैं। गंडक नदी में 2017 में घड़ियालों की संख्या 30 थी। अब यह संख्या बढ़कर 217 हो गई है।

इस वर्ष बड़ी संख्या में घड़ियाल की संख्या बढ़ी है। गंडक नदी के साथ-साथ संजय गांधी जैविक उद्यान में भी घड़ियालों की संख्या बढ़ रही है। जैविक उद्यान से दो चरणों में 30 घड़ियाल को गंडक नदी में छोड़ा जा चुका है।

घड़ियाल 13 से 19 फीट लंबे होते हैं तथा वजन करीब 450 किलो होता है। भूरे रंग के नर घड़ियाल के थूथुन पर घड़ानुमा गोल उभार होता है। पानी में ये बहुत चंचल होते हैं। अपना ज्यादा समय पानी में बि‍ताते हैं। उद्यान निदेशक सत्यजीत कुमार ने बताया कि पटना जू में घड़ियाल का सफलतापूर्वक प्रजनन होता है।

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