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बिहार चैम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष पद के लिए आमने-सामने होंगे पटवारी व भरतिया, जानें किसे किसका मिला समर्थन

बिहार चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ( बीसीसीआई ) की कार्यकारिणी के चुनाव में अब अध्यक्ष पद के लिए सुभाष पटवारी और संजय भरतिया आमने-सामने होंगे। अध्यक्ष पद के तीसरे प्रत्याशी एमएन बरेरिया आगामी 21 अगस्त से पहले अपना नामांकन वापस ले लेंगे। इससे पहले अध्यक्ष पद के एक प्रत्याशी का नामांकन तकनीकी कारणों से रद्द कर दिया गया था।

By Nalini RanjanEdited By: Mohit TripathiUpdated: Tue, 15 Aug 2023 11:51 PM (IST)
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चैंबर अध्यक्ष के लिए आमने-सामने होंगे पटवारी व भरतिया।

जागरण संवाददाता, पटना: बिहार चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (बीसीसीआई) की कार्यकारिणी के चुनाव में अब अध्यक्ष पद के लिए सुभाष पटवारी और संजय भरतिया आमने-सामने होंगे।

अध्यक्ष पद के तीसरे प्रत्याशी एमएन बरेरिया आगामी 21 अगस्त से पहले अपना नामांकन वापस ले लेंगे। इससे पहले अध्यक्ष पद के एक प्रत्याशी का नामांकन तकनीकी कारणों से रद्द कर दिया गया था।

गौरव -विवेक साह गुट ने संजय भरतिया पर लगाई मुहर

गौरव साह-विवेक साह गुट ने सोमवार को बैठक कर कार्यकारिणी समिति के सभी पदाधिकारियों के प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी है। अध्यक्ष के लिए संजय भरतिया के नाम पर मुहर लगाई गई है।

इसके अतिरिक्त उपाध्यक्ष पद के लिए देशबंधु गुप्ता व आलोक पोद्दार, महासचिव शशि मोहन एवं कोषाध्यक्ष के लिए रमेश गांधी के नाम बतौर प्रत्याशी तय किए गए हैं।

पीके जान गुट ने सुभाष पटवारी को बनाया उम्मीदवार

पीके जैन गुट से सुभाष पटवारी का नाम पहले ही अध्यक्ष पद के उम्मीदवार के लिए घोषित है। नामांकन वापसी की अंतिम तिथि 21 अगस्त है।

26 अगस्त से मतपत्र वितरण आरंभ हो जाएगा। इसके बाद 21 सितंबर को मतपत्र चैंबर में जमा होने के साथ ही मतगणना की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

सदस्यों को ई-मेल से मिले हस्ताक्षर का नमूने

विवेक साह ने बताया कि चुनाव प्रक्रिया आरंभ होने के बाद एक अध्यक्ष प्रत्याशी का नामांकन रद्द करने का आधार सदस्य बनने के वक्त किए गए हस्ताक्षर और वर्तमान हस्ताक्षर में अंतर बताया गया है।

ऐसे में अब सदस्यों की मांग पर उन्हें ईमेल व उनके प्रतिनिधि के माध्यम से सदस्य बनने के समय किए गए हस्ताक्षर के नमूने उपलब्ध कराए जाएं।

चैंबर के सत्ता पक्ष की ओर से जान बूझकर चैंबर में बुलाकर हस्ताक्षर के नमूने दिखाए जाते हैं। इससे बिहार के सुदूर इलाके के सदस्यों को परेशानी होती है।

उनकी समस्या का निदान करते हुए अविलंब मांग के अनुरूप ईमेल या प्रतिनिधि के माध्यम से हस्ताक्षर के नमूने उपलब्ध कराए जाएं।