महाशिवरात्रि पर भक्ति में डूबे बिहार के लोग, मनोकामना पूर्ति के लिए शिवलिंग पर क्या चढ़ाएं, जानिए
घर-घर विराजे शिव-पार्वती। शिव योग में हो रही पूजा। पंचग्रही महायोग का बना दुर्लभ संयोग। पटना के महावीर मंदिर में सात हजार किलो नैवेद्यम बनाने की तैयारी। शाम में 22 जगहों से निकलेगी शोभायात्रा। खाजपुरा शिवमंदिर में विशेष तैयारी।
By Vyas ChandraEdited By: Updated: Tue, 01 Mar 2022 09:49 AM (IST)
पटना, जागरण संवाददाता। Maha Shivratri 2022: महाशिवरात्रि पर मंगलवार को देवों के देव महादेव की आराधना में भक्त लीन हो गए हैं। अलसुबह से ही शिवालयों में ओम नम: शिवाय और हर-हर महादेव के साथ घंटियों की आवाज गूंज रही है। कोरोना त्रासदी के बाद इस वर्ष महाशिवरात्रि पर जगह-जगह विशेष तैयारी की गई है। शहर के प्रमुख शिवालयों को खूबसूरत लाइटों और फूलों से सजाया गया है। महाशिवरात्रि फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को परिघ तथा शिव योग के युग्म संयोग के साथ धनिष्ठा-नक्षत्र में मनाई जा रही है। घरों से लेकर मंदिर तक में पार्थिव पूजन, जलाभिषेक व रूद्राभिषेक का सिलसिला चल रहा है। शिव भक्त सुख-समृद्धि, आरोग्यता के लिए शिव पंचाक्षर, शिव तांडव, शिव पुराण आदि का पाठ कर रहे हैं।
पंचग्रही महायोग का बना दुर्लभ संयोगज्योतिष आचार्य पंडित राकेश झा ने पंचांगों के हवाले से बताया कि शिव योग व धनिष्ठा नक्षत्र में शिव-पार्वती की पूजा अर्चना शुभ फल देने वाली है। महाशिवरात्रि पर मकर राशि के 12वें भाव में पंचग्रही महायोग का निर्माण हो रहा है। इस राशि में मंगल, बुध, शुक्र, चंद्रमा और शनि का मिलन होने से पंचग्रही योग का निर्माण हुआ है। इस योग में शिव-पार्वती की पूजा करने से मनोरथ पूर्ण होता है। सूर्य पुराण के अनुसार शिवरात्रि के दिन भगवान शिव पृथ्वी-लोक पर भ्रमण करने निकलते हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान शिव ने सरंक्षण और विनाश का सृजन किया था। शिव पुराण व ईशान संहिता के अनुसार फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी की मध्य रात्रि में आदिदेव भगवान शिव लिंगरूप में अमिट प्रभा के साथ प्रकट हुए थे।
शिवरात्रि पूजन शुभ मुहूर्त
- अमृत मुहूर्त -सुबह 9.08 बजे से दोपहर 1.39 बजे तक
- अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 11.39 बजे से 12.25 बजे तक
- विजय मुहूर्त - दोपहर 2.29 बजे से 3.16 बजे तक
- शुभ योग मुहूर्त - दोपहर 2.56 बजे से शाम 4.23 बजे तक
- गोधूलि मुहूर्त - शाम 6.09 बजे से 6.33 बजे तक
- निशीथ काल मुहूर्त - मध्यरात्रि 12.08 बजे से 12.58 बजे तक
- दूध- शिवलिंग पर दूध अर्पित करने से आरोग्य की प्राप्ति।
- दही- शिवलिंग पर दही अर्पित करने से जीवन में हर्ष और उल्लास की प्राप्ति।
- शहद - शहद चढ़ाने से रूप और सौंदर्य की प्राप्ति, समाज में लोकप्रियता।
- घी - घी चढ़ाने से तेज की प्राप्ति।
- शक्कर - शक्कर चढ़ाने से सुख-समृद्धि व ऐश्वर्य की प्राप्ति।
- इत्र - इत्र चढ़ाने से धर्म की प्राप्ति।
- चंदन - चंदन चढ़ाने से यश, मान-सम्मान की प्राप्ति।
- केशर - केशर अर्पित करने से दांपत्य जीवन सुखमय होता है।
- भांग - भांग चढ़ाने से समस्त पाप और बुराईयां दूर होती है।
- धतूरा - धतूरा अर्पित करने से सुयोग्य पुत्र की प्राप्ति।
- आंवला - आंवले का रस अर्पित करने से दीर्घ आयु प्राप्त होती है।
- गन्ने का रस - गन्ने का रस अर्पित करने से पारिवारिक सुख व धन की प्राप्ति।
- गेहूं - गेहूं चढ़ाने से वंश वृद्धि होती है।
- चावल - चावल चढ़ाने से धन और सुख -समृद्धि की प्राप्ति।
सात हजार किलो नैवेद्यम बनाने की तैयारी
मंगलवार का दिन होने से महावीर मंदिर में महाशिव-रात्रि पर भक्त विशेष रूप से भगवान शिव मां पार्वती की पूजा अर्चना करेंगे। वहीं महाशिव रात्रि को देखते हुए इस बार सात हजार किलो नैवेद्यम बनेगा। नैवेद्यम के प्रबंधक शेषाद्री ने बताया कि सोमवार से हीं तिरूपति के कारीगर नैवेद्यम प्रसाद बनाने की तैयारी में लगे हैं। महाशिव रात्रि के अवसर पर शहर के 22 जगहों से शोभा-यात्रा निकलेगी। शोभा-यात्रा के दौरान कलाकार भगवान शिव और मां पार्वती का स्वरूप दिखाएंगे। सभी शोभा-यात्रा का अभिनंदन बेली रोड स्थित खाजपुर शिव मंदिर के पास किया जाएगा।
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