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अभी खत्म नहीं हुई हैं Anand Mohan की मुश्किलें, जेल नियमों में बदलाव के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में याचिका दाखिल

Anand Mohan बाहुबली नेता व पूर्व सांसद आनंद मोहन गुरुवार को सहरसा जेल में बाहर आ गए हैं। हालांकि उनकी मुश्किलें बढ़ सकती है। उनकी रिहाई को लेकर राज्य सरकार की ओर से जेल नियमों में बदलाव करने के खिलाफ याचिका दायर की गई है।

By Arun AsheshEdited By: Roma RaginiUpdated: Thu, 27 Apr 2023 04:24 PM (IST)
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आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ जेल नियमों में बदलाव के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में याचिका दाखिल

पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार के बाहुबली नेता व पूर्व सांसद आनंद मोहन तमाम विरोधों के बीच गुरुवार की सुबह जेल से रिहा हो गए। वहीं, रिहाई को बाद भी आनंद मोहन की मुश्किलें खत्म होती दिख नहीं रही है। उनकी रिहाई को लेकर जेल नियमों में हुए बदलाव के खिलाफ बुधवार को पटना हाईकोर्ट में एक सामाजिक कार्यकर्ता ने याचिका दायर की है।

पटना हाईकोर्ट में बिहार सरकार की ओर से जारी उस अधिसूचना को निरस्त करने के लिए लोकहित याचिका दायर की गई है, जिसके तहत बिहार कारागार नियमावली, 2012 के नियम 481(i)(क) में संशोधन कर 'ड्यूटी पर तैनात लोक सेवक की हत्या' वाक्य को हटाया दिया गया।

इस लोकहित याचिका को सामाजिक कार्यकर्ता अमर ज्योति ने अपने अधिवक्ता अलका वर्मा के माध्यम से दायर किया है। याचिका में राज्य सरकार की ओर से बिहार कारागार नियमावली, 2012 के नियम 481(i) (क) में किए गए संशोधन को गैरकानूनी बताया गया है। यह अधिसूचना कानून व्यवस्था पर प्रतिकूल असर डालने वाली है और ड्यूटी पर मौजूद लोक सेवकों और आम जनता के मनोबल को गिराती है।

क्या बोलीं याचिकाकर्ता की वकील

इस मामले पर एडवोकेट और जनहित याचिकाकर्ता अलका वर्मा ने कहा कि जेल मैन्यल में संशोधन का प्रयोजन क्या है? ऐसा कोई भी संशोधन जनहित में होना चाहिए, ये जनहित में नहीं है। यह मनमानी कार्रवाई है। यह संशोधन मनमाना है और यह अनुचित है।

बता दें कि बाहुबली नेता व पूर्व सांसद आनंद मोहन गुरुवार की सुबह सहरसा जेल से रिहा हो गए। उन्हें सरकार ने स्थायी तौर पर रिहा कर दिया है। इससे पहले वो अपने बेटे राजद विधायक चेतन आनंद की सगाई के मौके पर पैरोल पर जेल से बाहर आए थे। इसी बीच सरकार ने उनके पूर्ण रिहाई का आदेश दिया। बाहुबली नेता बुधवार को ही पैरोल खत्म होने पर जेल गए थे।