Move to Jagran APP

ये क्या? उत्तीर्ण को अनुत्तीर्ण कर जारी कर दिया PhD रिजल्ट, अभ्यर्थियों ने कहा- फिर प्रवेश पत्र भी क्यों दिया

Bihar News मौलाना मजहरुल हक अरबी एवं फारसी विश्वविद्यालय ने परिणाम में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को अनुत्तीर्ण कर दिया। विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार उत्तीर्ण पांचों विद्यार्थी के पास परीक्षा में बैठने की योग्यता नहीं थी। इस पर अभ्यर्थियों ने कहा कि जब योग्यता ही नहीं थी तो प्रवेश पत्र क्यों दिया गया? कुलपति ने बताया कि परिणाम गलत बना दिया गया था।

By Jai Shankar BihariEdited By: Aysha SheikhUpdated: Fri, 06 Oct 2023 02:18 PM (IST)
Hero Image
उत्तीर्ण को अनुत्तीर्ण कर जारी कर दिया PhD रिजल्ट
जयशंकर बिहारी, पटना। मौलाना मजहरुल हक अरबी एवं फारसी विश्वविद्यालय में पीएचडी प्रवेश परीक्षा (phd entrance exam) में अनुत्तीर्ण अभ्यर्थियों को उत्तीर्ण घोषित कर परिणाम जारी कर दिया गया।

कुलसचिव और परीक्षा नियंत्रक के बीच हुए पत्राचार के अनुसार, पांच विद्यार्थियों को 16 जून को उत्तीर्ण घोषित किया गया, जबकि 10 अगस्त को इन्हें अनुत्तीर्ण घोषित कर अन्य पांच को उत्तीर्ण कर दिया गया।

विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि उत्तीर्ण पांचों विद्यार्थी परीक्षा में बैठने की योग्यता नहीं रखते थे, जिस कारण उनका परिणाम रद्द किया गया। वहीं, अभ्यर्थियों का कहना है कि जब योग्यता ही नहीं थी तो प्रवेश पत्र कैसे जारी किया गया?

पैट-2023 का अंतिम परीक्षाफल 26 सितंबर को जारी किया गया है। पत्रकारिता विभाग के परिणाम में रोस्टर का पालन नहीं किया गया है। वहीं, प्री-पीएचडी टेस्ट बगैर पीजीआरसी के गठन के ही संपन्न करा लिया गया है। कुलपति प्रो. मोहम्मद आलमगीर ने बताया कि परिणाम गलत बना दिया गया था।

इस कारण संशोधित किया गया है। राजभवन से जारी निर्देश का पालन करते हुए परीक्षा का संचालन किया गया है। पत्रकारिता के विभागीय परिषद को यह अधिकार नहीं है कि कितनी सीटों पर नामांकन होना है। उन्हें सिर्फ मेधा सूची बनाने को कहा गया था।

विभागीय परिषद की अनुशंसा को बदल दिया

पत्रकारिता विभाग में पीएचडी में नामांकन के लिए केंद्रीय विश्वविद्यालय के वरीय प्रोफेसर को नामित करते हुए विभागीय परिषद का गठन किया गया था। परिषद ने नामांकन के लिए सात अभ्यर्थियों की अनुशंसा की थी।

परीक्षा विभाग ने परिषद की अनुशंसा से इतर 12 विद्यार्थियों का परिणाम जारी कर दिया। इनमें से पांच को योग्य नहीं माना गया था। साक्षात्कार में 13 विद्यार्थी शामिल हुए थे। अनुसूचित जाति और जनजाति की सीटों पर दूसरी श्रेणी के अभ्यर्थियों का परिणाम जारी कर दिया।

कुलसचिव कर्नल कामेश कुमार ने बताया कि इस संबंध में परीक्षा विभाग से जानकारी मांगी गई है। प्री-पीएचडी टेस्ट के नोटिफिकेशन, सीटों की संख्या, परिणाम सहित किसी स्तर की प्रक्रिया में कुलसचिव कार्यालय से पत्र जारी नहीं हुआ है। एकेडमिक काउंसिल से भी इसे अनुमोदन नहीं है।

पीएचडी प्रवेश परीक्षा से संबंधित प्रक्रिया का अनुमोदन एकेडमिक काउंसिल से अनिवार्य है। परीक्षा को लेकर राजभवन से स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी है। तमाम प्रक्रिया की जानकारी अभ्यर्थियों को प्रक्रिया प्रारंभ होने से पहले वेबसाइट या फिर अन्य माध्यमों से उपलब्ध कराना जरूरी होता है। - प्रो. रासबिहारी प्रसाद सिंह, पूर्व कुलपति, पटना विश्वविद्यालय

ये भी पढ़ें -

Bihar Police पेपर लीक मामले में नया खुलासा, गया-दरभंगा और नवादा से पटना पहुंची थी आंसर-की; डेढ़ घंटे पहले…

कुछ तो गड़बड़ है... बीआरए बिहार विवि के कुलपति-कुलसचिव समेत 4 के खिलाफ FIR दर्ज, KK Pathak का विभाग फिर सख्त

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।