Move to Jagran APP

फुलवारीशरीफ PFI मामला: केरल और कर्नाटक में NIA की बड़ी कार्रवाई, पांच हवाला कारोबारी गिरफ्तार

एनआईए की टीमें रविवार से कासरगोड और दक्षिण कन्नड़ में व्यापक तलाशी-छापेमारी कर रही हैं। आतंकवाद-रोधी एजेंसी ने कहा आठ स्थानों पर तलाशी ली गई जिसमें कई डिजिटल उपकरणों को जब्त किया गया है। एनआईए ने कहा गिरफ्तार आरोपी पीएफआई की आपराधिक साजिशों में सक्रिय रूप से शामिल थे।

By Jagran NewsEdited By: Yogesh SahuUpdated: Tue, 07 Mar 2023 10:00 PM (IST)
Hero Image
फुलवारीशरीफ PFI मामला: केरल और कर्नाटक में NIA की बड़ी कार्रवाई, पांच हवाला कारोबारी गिरफ्तार
एएनआई, पटना/बेंगलुरु। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने फुलवारीशरीफ पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) मामले में केरल के कासरगोड और कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ से पांच हवाला कारोबारियों को गिरफ्तार किया है। 

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) का कहना है कि इन गिरफ्तारियों के साथ बिहार और कर्नाटक से संचालित पीएफआई के हवाला फंडिंग मॉड्यूल का भंडाफोड़ हुआ है। इस मॉड्यूल की जड़ें संयुक्त अरब अमीरात से जुड़ी हुई हैं।

एजेंसी ने कहा कि आज गिरफ्तार किए गए पांच आरोपी मिलने वाले फंड को पीएफआई नेताओं और कैडरों के बीच बांटते थे। 

यह लोग अवैध धन को स्थानांतरित करने और चैनलाइज करके पीएफआई की आपराधिक साजिशों को अंजाम देने में सक्रिय रूप से शामिल पाए गए हैं।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) का कहना है कि इस मामले में पहले भी सात आरोपी व्यक्तियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

यह गिरफ्तारियां बीते साल हुई थीं, जब वे जुलाई में पटना के फुलवारीशरीफ इलाके में आतंकी और हिंसा की घटनाओं को अंजाम देने के लिए प्रशिक्षण लेने के लिए एकत्र हुए थे।

जानकारी के अनुसार, गिरफ्तार लोगों की पहचान मोहम्मद सिनान, सरफराज नवाज, इकबाल, अब्दुल रफीक एम और आबिद के एम शिवशंकर के रूप में हुई है।

एनआईए ने कहा कि गिरफ्तार किए गए आरोपी पीएफआई की आपराधिक साजिशों में सक्रिय रूप से शामिल थे। यह सभी विदेशों से हवाला के जरिए मिलने वाले अवैध धन को पीएफआई के नेताओं और कैडरों तक पहुंचाते थे।

बता दें कि एनआईए की टीमें रविवार से कासरगोड और दक्षिण कन्नड़ में व्यापक तलाशी-छापेमारी कर रही हैं। आतंकवाद-रोधी एजेंसी ने कहा कि आठ स्थानों पर तलाशी ली गई, जिसमें कई डिजिटल उपकरणों को जब्त किया गया है। इस दौरान करोड़ों रुपये के लेन-देन के विवरण वाले दस्तावेजों को जब्त किया गया है।

एनआईए ने कहा कि बिहार के फुलवारीशरीफ पीएफआई मामले की जांच के सिलसिले में देश भर में, विशेष रूप से केरल-कर्नाटक और बिहार में पीएफआई के द्वारा स्थानांतरित किए जा रहे धन का पता लगाया जा रहा था। इस दौरान दक्षिण भारत में हवाला कारोबारियों और कर्नाटक से उनकी गिरफ्तारी से एक बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ हुआ है।

बिहार में फुलवारीशरीफ और मोतिहारी में पीएफआई के कार्यकर्ताओं को राज्य में गुप्त तरीके से पीएफआई गतिविधियों को जारी रखने की जिम्मेदारी दी गई थी।

हाल ही में बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में एक विशेष समुदाय के युवक की हत्या के लिए बंदूक और गोला-बारूद की व्यवस्था भी इन्होंने ही की थी। इस मॉड्यूल के तीन सदस्यों को इस साल 5 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था।

जुलाई 2022 से अब तक जांच के दौरान एनआईए की टीम ने पाया कि पिछले साल 27 सितंबर को प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद पीएफआई, उसके नेता और कार्यकर्ता हिंसक उग्रवाद की विचारधारा का प्रचार कर रहे थे। इसके साथ ही आपराधिक वारदातों को अंजाम देने के लिए हथियार और गोला-बारूद मुहैया करा रहे थे।

एनआईए ने कहा कि अवैध धन की जांच में जांचकर्ता मोहम्मद सरफराज नवाज और मोहम्मद मोहम्मद सिनन तक पहुंचे थे। यह पीएफआई मामले में आरोपियों और संदिग्धों के बैंक खातों में रुपये जमा करते पाए गए थे।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।