Move to Jagran APP

PM KISAN SAMMAN NIDHI: बिहार के लाखों किसानों की 14वीं किस्‍त पर मंडरा रहे संकट के बादल, जल्‍द करें ये काम

PM Kisan Samman Nidhi 14th Installment बिहार के 12 लाख से अधिक कास्तकार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 14वीं किस्त से वंचित हो सकते हैं। राज्य से किसान सम्मान निधि लेने वाले 84 लाख किसानों में 12 लाख से अधिक किसान ऐसे हैं जिन्होंने अपनी ई-केवाईसी नहीं कराई है।

By Jagran NewsEdited By: Prateek JainUpdated: Mon, 12 Jun 2023 07:37 PM (IST)
Hero Image
PM KISAN SAMMAN NIDHI: बिहार के लाखों किसानों की 14वीं किश्‍त पर मंडरा रहे संकट के बादल
राज्य ब्यूरो, पटना: बिहार के 12 लाख से अधिक कास्तकार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 14वीं किस्त से वंचित हो सकते हैं। कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार, राज्य से किसान सम्मान निधि लेने वाले 84 लाख किसानों में 12 लाख से अधिक किसान ऐसे हैं, जिन्होंने अपना ई-केवाईसी नहीं कराई है।

वहीं, 10 लाख से अधिक किसानों के खाते आधार कार्ड से नहीं जुड़े हैं। कृषि विभाग और बैंकों के तमाम जागरूकता के बाद भी किसान ई-केवाईसी कराने और खाते को आधार कार्ड से जोड़ने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं।

इस मामले में बिहार चल रहा आगे

इस बीच केंद्र सरकार ने फेस ऐप के माध्यम से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लिए ई-केवाईसी लागू कर दिया। हालांकि, अच्छी बात यह है कि पूरे देश में किसानों का फेस ऐप से ई-केवाईसी सत्यापन में बिहार आगे चल रहा है।

बिहार के 41,357 किसानों का फेस ऐप के माध्यम से ई-केवाईसी सत्यापन किया गया है, जबकि पश्चिम बंगाल में 32,114, आंध्र प्रदेश में 7,175 और उत्तर प्रदेश में 7,135 किसानों का इस प्रक्रिया से सत्यापन किया गया है।

राज्य के 83,68,590 पंजीकृत किसानों में से 70, 97,051 किसानों ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लिए आवश्यक ई-केवाईसी करवा लिया है।

85 प्रतिशत लाभार्थी किसानों ने कराई ई-केवाईसी 

इस प्रकार 85 प्रतिशत लाभार्थी किसानों द्वारा अभी तक अपना ई-केवाईसी करा लिया गया है, जबकि 12,71,539 लाभार्थी किसानों द्वारा ई-केवाईसी सत्यापन किया जाना शेष है।

किसान फेस ऐप सीएससी सेंटर पर बायोमैट्रि‍क के माध्यम से या फिर पीएम किसान के पोर्टल पर जाकर ओटीपी के माध्यम से ई-केवाईसी का सत्यापन करवा सकते हैं।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।