नीतीश की PM मोदी से मुलाकात के बाद केंद्र ने खोला खजाना, छुट्टी वाले दिन भी बिहार को मिल गए करोड़ों रुपये
PM Modi Nitish Kumar बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दिल्ली में हुई मुलाकात अब सियासी कयासबाजी का विषय बनती जा रही है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की ओर से जी-20 सम्मेलन में आए विदेशी मेहमानों के लिए आयोजित रात्रिभोज के दौरान दोनों नेताओं की यह मुलाकात हुई है। इसकी तस्वीर खुद प्रधानमंत्री मोदी ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर साझा की है।
PM Modi Nitish Kumar : राज्य ब्यूरो, पटना। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की ओर से जी-20 सम्मेलन (G-20 Summit) में विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों को दिए गए भोज में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) से मुलाकात के साथ सियासी गलियारों में चर्चा का विषय है।
इधर, इस मुलाकात के बाद केंद्र सरकार ने बिहार (Bihar) के लिए अपने खजाने का मुंह खोल दिया है। रविवार को अवकाश का दिन होने के बावजूद केंद्र सरकार ने बिहार के त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के लिए 1942 करोड़ रुपये आवंटित कर दिया।
साथ ही इसकी विधिवत सूचना राज्य सरकार को दी गई। केंद्र सरकार से राशि प्राप्त होने की पुष्टि पंचायती राज विभाग (Panchayati Raj) के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह ने की है।
15वें वित्त आयोग की अनुशंसा
वित्तीय वर्ष 2023-24 में 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के तहत केंद्र सरकार से अनुदान के रूप में कुल 3884 करोड़ रुपये की राशि राज्य सरकार को प्राप्त होनी है।
इस अनुशंसित राशि में से केंद्र सरकार (central government) द्वारा प्रथम किस्त के रूप में 1942 करोड़ रुपये की राशि पंचायती राज विभाग के खाते में पहुंच गई है। अब पंचायती राज विभाग शीघ्र ही त्रिस्तरीय पंचायतों यानी जिला परिषद, पंचायत समिति एवं ग्राम पंचायतों के खाते में राशि आवंटित करेगा।
पंचायती राज संस्थाओं को मिलेगी राशि
बता दें कि 15वें वित्त आयोग से मिलने वाली राशि से त्रिस्तरीय पंचायतें स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों, पीएचसी/सीएचसी, सामुदायिक केंद्रों, बाजारों और खेल के मैदानों का निर्माण कराने की योजना संचालित है।
इसके अलावा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, गांवों में खुले में शौच मुक्त स्थिति और बेहतर स्वच्छता बनाए रखना भी इसमें शामिल है। राशि त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाएं 50 प्रतिशत राशि मूलभूत आवश्यकताओं पर खर्च कर सकेंगी।
आधारभूत संरचना पर खर्च होंगे रुपये
शेष 50 प्रतिशत धन का उपयोग कर्मचारियों और मजदूरों के वेतन, स्थापना मद और आधारभूत संरचना के विकास पर व्यय हो सकेगा। इसमें पंचायत की 70, पंचायत समिति की 20 और जिला परिषद की 10 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी।
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इस राशि में 50 प्रतिशत स्थापना और कर्मचारियों के वेतन और आधारभूत संरचना के विकास पर खर्च होगा। शेष 50 प्रतिशत से बुनियादी आवश्यकता, स्वच्छता एवं खुले में शौचमुक्त मद के रखरखाव, पेयजल आपूर्ति और वर्षा जल संरक्षण की योजनाओं को प्राथमिकता देनी होगी।
किसके साथ किस योजना की संबद्धता
15वें वित्त आयोग (15th Finance Commission) से प्राप्त राशि खर्च करने के लिए संबद्ध योजनाओं का ही चयन किया जा सकता है।
जिला परिषद ग्रामीण क्षेत्र में तीन हेक्टेयर से अधिक जल संचयन संरचना और सिंचाई क्षमता के विकास मद में चेक डैम, आहर-पईन निर्माण हो सकता है।
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जिला अस्पताल, अनुमंडल और रेफरल अस्पताल के आधारभूत ढांचे पर खर्च हो सकता है। सरकारी भवनों की बाउंड्री, सार्वजनिक भवनों के दीर्घकालीन रखरखाव, शवदाह गृह और बस या आटो स्टैंड निर्माण भी हो सकेगा।
पंचायत समिति प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के ढांचे, पीसीसी रोड, यात्री पड़ाव, खेल मैदान और खुले जिम का निर्माण कार्य करा सकेगा।
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पंचायत में सैरातों का विकास, खेल मैदान, आंगनबाड़ी केंद्र, स्वास्थ्य उप-केंद्र, शवदाह गृह और सार्वजनिक भवनों के रखरखाव की योजना पर ही खर्च हो सकेगा।