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OMG! यहां मोदी-शाह की जोड़ी खा गई मात, जीती हुई सीटें भी हार गई बीजेपी; हो गया बड़ा 'खेला'

सातवें दौर की कुल आठ सीटों में सर्वाधिक नुकसान भाजपा को हुआ। पटना साहिब छोड़ भाजपा चार (पाटलिपुत्र आरा सासाराम एवं बक्सर) जीती हुईं सीटें हार गई। अहम यह रहा कि पाटलिपुत्र सासाराम एवं बक्सर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जनसभा हुई थी। गृह मंत्री अमित शाह भी तीनों संसदीय क्षेत्र में भाजपा की हैट-ट्रिक लगाने के लिए जनसभा करने आए पर बात नहीं बनी।

By Raman Shukla Edited By: Rajat Mourya Updated: Tue, 04 Jun 2024 07:28 PM (IST)
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यहां मोदी-शाह की जोड़ी खा गई मात, जीती हुई सीटें भी हार गई बीजेपी; हो गया बड़ा 'खेला'
रमण शुक्ला, पटना। दस वर्षों की सत्ता विरोधी लहर का असर कहें या फिर प्रत्याशी बदलने की मार, लेकिन राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) पर नवाचार महंगी पड़ी। बिहार से लेकर केंद्र सरकार के शीर्ष चेहरा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आइएनडीआइए (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) के सामने सातवें गढ़ को बचाने में मात खा गए।

राजग प्रत्याशियों की सर्वाधिक हार सातवें चरण की सीटों पर हुई। सातवें दौर की कुल आठ सीटों में सर्वाधिक नुकसान भाजपा को हुआ। पटना साहिब छोड़ भाजपा चार (पाटलिपुत्र, आरा, सासाराम एवं बक्सर) जीती हुईं सीटें हार गई।

अहम यह रहा कि पाटलिपुत्र, सासाराम एवं बक्सर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जनसभा हुई थी। गृह मंत्री अमित शाह भी तीनों संसदीय क्षेत्र में भाजपा की हैट-ट्रिक लगाने के लिए जनसभा करने आए, पर बात नहीं बनी।

जहानाबाद में सवर्ण मतों का बिखराव जदयू के जहानाबाद से सांसद चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी एंबुलेंस घोटाला की मार झेल नहीं पाए। सांसद के बेटे की कंपनी पर गड़बड़ी के आरोप भ्रष्टाचार का बड़ा मुद्दा बना। रही सही कसर सवर्ण समाज के चेहरा एवं पूर्व सांसद अरुण कुमार ने बतौर बसपा प्रत्याशी राजग के मतों में सेधमारी कर चंद्रवंशी को पलीता लगा दिया।

आरा में विकास हो गया फेल

आरा में भी केंद्रीय मंत्री आरके सिंह की विकास योजनाएं और तरक्की की पहल धरी की धरी गई। विकास फेल हो गया। सांसद पर आरा के भाजपा कार्यकर्ताओं का असंतोष और संगठन की सुस्ती पार्टी के लिए महंगी पड़ी। बिहार में सर्वाधिक विकास का सेहरा किसी सांसद एवं केंद्रीय मंत्री नाम था तो वे हस्ती थे आरके सिंह, लेकिन आरा और बक्सर के कार्यकर्ताओं एवं कैडर की उपेक्षा भाजपा के विरुद्ध रही। दोनों सीटों पर कार्यकर्ताओं ने ही भितरघात भाजपा प्रत्याशियों का बेड़ा गर्क कर दिया।

काराकाट में क्षत्रिय वोट पर चोट

भाजपा की ओर से प्रत्याशी कोई भी हो लेकिन हर सीट पर लड़ रहे हैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जैसे संदेश मतदाताओं के बीच पहुंचाने में पार्टी फेल हो गई। काराकाट में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जनसभा के दौरान वर्ग विशेष से भाजपा कार्यकर्ताओं की नाराजगी छलकी थी।

क्षत्रिय (राजपूत) मतदाताओं को मनाने और साधने में भाजपा फेल हो गई। भाजपा ने कुल 17 प्रत्याशियों में क्षत्रिय समुदाय से सर्वाधिक पांच प्रत्याशी को टिकट दिया था। पर, उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर राजनाथ सिंह एवं बिहार के शीर्ष राजपूत नेता काराकाट में राजपूत मत को उपेंद्र कुशवाहा के लिए ट्रांसफर कराने में नाकाम साबित हुए।

निर्दलीय प्रत्याशी एवं भोजपुरी अभिनेता पवन सिंह के पक्ष में भाजपा के जिला संगठन का जाना हर समीकरण और चुनाव प्रबंधन को आरा, काराकाट, बक्सर एवं सासाराम में मतों के बिखराव हवा देकर भाजपा की परेशानी बढ़ा दी।

मगध-शाहाबाद में झटका

राजग प्रत्याशियों के मध्य मगध एवं शाहाबाद क्षेत्र में भाजपा-जदयू एवं लोजपा का वोट ट्रांसफर नहीं हुआ। सातवें चरण के आठ सीटों में छह पर हार के पीछे सबसे बड़ा कारण यही रहा। आरा के अगिआंव विधानसभा उप चुनाव में जदयू के हार का कारण भी संभवत: यही उभरकर सामने आ रहा है।

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