जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था-खेलब न खेले देब, खेलबे बिगाड़ब, संसद भवन में गूंज उठे ठहाके
PM Narendra Modi Birthday 2022 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्सर बिहार के प्रति अपने लगाव को दर्शाते रहते हैं। वे जहां भी सभा करने गए वहां की बोली में लोगों को संबोधित किया। बिहार की संस्कृति इसके सम्मान की चर्चा भी वे करते रहते हैं।
बिहार, आनलाइन डेस्क। PM Narendra Modi Birthday 2022: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बिहार से खास कनेक्शन रहा है।वे अक्सर इसे दर्शाते भी रहे हैं। चाहे बात बोली की हो या फिर पहनावा और खान-पान की। वह जगह संसद भवन हो या चुनावी सभा, हर जगह उनका बिहार प्रेम झलकता रहता है। का हाल बा या फिर भाई-बहिनी लोगन वाला वो अंदाज। बिहार के मान, सम्मान और प्रतिष्ठा से जुड़ी बातों को वे प्राथमिकता देते रहे हैं। आज उनके 72वें जन्मदिन पर हम नरेंद्र मोदी के बिहार से जुड़े प्रसंगों को साझा कर रहे हैं।
भारत के सम्मान बा बिहार...
2020 के विधानसभा चुनाव में 23 अक्टूबर 2020 को सासाराम पहुंचे पीएम मोदी ने स्थानीय भाषा में लोगों को संबोधित किया। कहा भाई-बहिनी लोगन, भारत के दिल बाटे बिहार। भारत के सम्मान स्वाभिमान बा बिहार। आजादी के जयघोष बा बिहार। देश के सुरक्षा हो या विकास बिहार के लोग सबसे आगे रहलन। देश के सुरक्षा हो या देश के विकास बिहार के लोगन सबसे आगे रहलन। बिहार के सपूत गलवान घाटी में तिरंगा की खातिर शहीद हो गइलें लेकिन भारत माता के माथा ना झुके देलेन। पुलवामा हमले में भी बिहार के जवान शहीद हुए, हम उनके चरण में शीष झुकातानी। बिहार अब विकास के ओर तेजी से बढ़त बा। बिहार के कोई बीमारू बेबस राज्य न कह सकत। लालटेन के जमाना गइल।
सीता मैया और विद्यापति के साथ पान-मखान को भी किया याद
28 अक्टूबर को दरभंगा पहुंचे पीएम मोदी ने मैथिली भाषा में अपनी बातें रखीं। पाग और मखान की माला पहनकर उन्होंने सीता मैया, राजा जनक और कविराज विद्यापति को नमन किया। कहा, ई मिथिला भूमि के नमन करै छी। ज्ञान, मान, पान आ मखान से समृद्ध ई गौरवशाली धरती पर अपने सब के अभिनंदन करै छी। इसके बाद जब सारण पहुंचे तो वहां से अपना जुड़ाव भी स्थानीय बोली में दिखाया।
खेलब न खेले देब, खेलबे बिगाड़ब
एक नवंबर 2020 को सारण में आयोजित चुनावी सभा में नरेंद्र मोदी ने कहा कि मां अंबिका भवानी के भूमि के नमन करतानी। बाबू राजेंद्र प्रसाद, संपूर्ण क्रांति के जनक जयप्रकाश नारायण, भिखारी ठाकुर और गोरखनाथ के भूमि भोजपुरिया माटी पर हम रउआ लोगन के नमन करतानी। इसके बाद उन्होंने एक प्रसंग सुनाया वह भी भोजपुरी में ही। ये तो हुई चुनावी सभाओं की बात। संसद में एक बार अपने संबोधन में उन्होंने भोजपुरी की कहावत का इस्तेमाल किया। बोले कि भोजपुरी में कहावत है ना खेलब न खेले देब, खेलबे बिगाड़ब। बाद में उन्होंने इसका अर्थ भी समझाया।