बिहार में हर्ष फायरिंग पर प्रशासन सख्त, बारात में गोलियां चलीं तो आयोजक से थानेदार तक की तय होगी जवाबेदही; जारी अलर्ट
बिहार में हर्ष फायरिंग को लेकर प्रशासन ने सख्त रवैया अपनाया है। अब अगर शादी-विवाह में हर्ष फायरिंग हुई तो आयोजक से लेकर थानेदार तय की जवाबदेही होगी। इतना ही नहीं पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों को एक बार फिर से हर्ष फायरिंग को लेकर अलर्ट किया है क्योंकि शादी-ब्याह का मौसम शुरू हो गया है। इसके तहत बेवजह हथियार लहराने वालों पर भी कार्रवाई होगी।
राज्य ब्यूरो, पटना। शादी-विवाह, ऑर्केस्ट्रा समेत अन्य सभी तरह के सांस्कृतिक एवं सामाजिक समारोह में हर्ष फायरिंग होने पर आयोजक से लेकर थानेदार तक जवाबदेह होंगे। होटल, विवाह भवन आदि में समारोह से पहले वर-वधू पक्ष को यह घोषणापत्र देना होगा कि उनके विवाह कार्यक्रम में हर्ष फायरिंग नहीं की जाएगी।
हर्ष फायरिंग को लेकर सभी जिलों में अलर्ट जारी
यह भी बताना होगा कि आयोजन में भाग लेने वाले व्यक्तियों की अनुमानित संख्या कितनी होगी और उसमें कोई निजी शस्त्रधारक भी भाग लेंगे या नहीं। अगर समारोह में किसी भी प्रकार के शस्त्र का दुरुपयोग या हर्ष फायरिंग होती है, तो वह अविलंब थाने को इसकी सूचना देंगे।
शादी-विवाह का मौसम शुरू होने के साथ ही पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों को एक बार फिर से हर्ष फायरिंग को लेकर अलर्ट किया है। शहरी इलाकों में थाने और ग्रामीण इलाकों में चौकीदार के माध्यम से संबंधित थाने को जानकारी देनी होगी।
फायरिंग होने पर सभी जवाब तलब के लिए रहे तैयार
पुलिस मुख्यालय में गुरुवार को आयोजित प्रेस वार्ता में एडीजी विधि-व्यवस्था संजय सिंह ने बताया कि हर्ष फायरिंग की घटनाओं को लेकर इसी साल 27 जून को एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) जारी की गई थी।
इसमें हर्ष फायरिंग होने पर वर-वधू या आयोजक पक्ष के साथ मैरेज हाॅल के प्रबंधन और पुलिस तीनों को जवाबदेह बनाया गया है। फायरिंग होने पर सभी से जवाब तलब किया जाएगा।
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फायरिंग में मौत होने पर हत्या का केस होगा दर्ज
हर्ष फायरिंग की जांच में जिस स्तर पर लापरवाही पाई जाएगी, उन पर कार्रवाई होगी। दोषी पाए जाने पर दो साल की सजा और एक लाख के जुर्माने का प्रविधान है। अगर हर्ष फायरिंग में किसी की मौत हो जाती है, तो हत्या का केस दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
नई एसओपी के बाद हर्ष फायरिंग में आई कमीएडीजी संजय सिंह ने बताया कि नई एसओपी जारी होने के बाद हर्ष फायरिंग की घटनाओं में कमी दर्ज की गई है। इस साल जनवरी से जून के बीच हर्ष फायरिंग को लेकर 68 कांड दर्ज किए गए, जिनमें 17 लोगों की मौत हुई थी जबकि 30 लोग घायल हुए थे।
एसओपी के बाद घटनाओं में आई है कुछ कमी
पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इन कांडों में 87 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया था, जबकि 10 हथियार बरामद किए थे। पांच हथियारों का लाइसेंस भी रद्द कराया गया है।
वहीं एसओपी जारी होने के बाद जुलाई से मध्य नवंबर तक हर्ष फायरिंग की महज 18 घटनाएं दर्ज की गई हैं। इनमें दो की मौत जबकि पांच लोग घायल हुए हैं। इन मामलों में 13 अभियुक्तों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
बेवजह हथियार लहराना भी अपराध
एडीजी संजय सिंह ने बताया कि बेवजह लोगों को डराने या प्रभाव जमाने के लिए लाइसेंसी हथियार को लहराना या दिखाना भी अपराध है। शस्त्र का लाइसेंस निजी सुरक्षा के लिए दिया जाता है, ऐसे में इसका बेवजह प्रदर्शन नहीं किया जाना चाहिए।
इंटरनेट मीडिया पर हथियारों के साथ रील बनाए जाने के सवाल पर एडीजी ने कहा कि यह भी अपराध की श्रेणी में आता है। अगर आपके पास लाइसेंसी हथियार है, तो भी उसका बेवजह प्रदर्शन नहीं किया जाना चाहिए।
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