Pappu Yadav : पप्पू यादव के आवास पर पुलिस की छापेमारी, पूर्णिया से निर्दलीय लड़ रहे लोकसभा का चुनाव
बिहार में गुरुवार शाम पूर्णिया पुलिस अचानक से पप्पू यादव के आवास पर पहुंच गई। सदर डीएसपी पुष्कर के नेतृत्व में पहुंची पुलिस टीम ने वहां मौजूद प्रचार वाहनों के कागजातों की जांच की। एक प्रचार वाहन में कट-आउट समेत डीजे लगे होने पर एसडीपीओ ने कागजात की मांग की। इसके अलावा प्रचार के लिए तैयार कई अन्य वाहनों का अनुमति-पत्र दिखाने को कहा।
जागरण संवाददाता, पूर्णिया। कांग्रेस के बागी सह निर्दलीय प्रत्याशी राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव के कार्यालय अर्जुन भवन पर गुरुवार की दोपहर एसडीपीओ पुष्कर कुमार की अगुवाई में पुलिस ने छापेमारी की। पुलिस ने वहां मौजूद प्रचार वाहनों के कागजातों की जांच की।
एक प्रचार वाहन में कट-आउट समेत डीजे लगे रहने पर एसडीपीओ ने उनकी कागजात की मांग की। इसके अलावा प्रचार के लिए तैयार कई अन्य वाहनों का अनुमति पत्र दिखाने को कहा। कार्यालय कर्मियों ने उन्हें अनुमति के लिए आवेदन काउंटर पर रिसिप्ट रहने की जानकारी दी।
सामान्य जांच अभियान
एसडीपीओ ने कहा कि यह एक सामान्य जांच अभियान था। इसमें सारे वाहनों के कागजात ले लिए गए हैं। सिंगल विंडो में इससे संबंधित आवेदन पड़ा है या नहीं, इसकी जांच सदर अनुमंडल पदाधिकारी के माध्यम करायी जाएगी और फिर वरीय अधिकारी के स्तर से कोई कार्रवाई होगी।'सारे विरोधी प्रताड़ित करने के लिए...'
इस पूरी कार्रवाई के दौरान पूर्व सांसद कार्यालय में ही मौजूद थे। उन्होंने पत्रकारों को कहा कि सारे विरोधी उन्हें प्रताड़ित करने के लिए हर हथकंडा अपना रहे हैं। वे चुनाव आयोग के निर्देशों का अनुपालन कर रहे हैं।
संबंधित वाहनों की अनुमति के लिए आवेदन दिए जा चुके हैं। बस ट्रायल के लिए वाहन सड़क पर लगा था और उससे डीजे भी नहीं बज रहा था।
'सत्ताधारी बौखला गए हैं...'
उन्होंने कहा कि मुझे मिल रहे जनता के अपार समर्थन ने तमाम विरोधियों के साथ-साथ सत्ताधारी भी बौखला गए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में शामिल होने से पहले उन्हें केंद्र सरकार के स्तर से वाय श्रेणी का सुरक्षा प्राप्त था। अब हाउस गार्ड तक यहां नहीं दिया गया है। महज चार गार्ड सुरक्षा के लिए दिया गया है।
पप्पू यादव ने आगे कहा, जनता के मिल रहे असीम प्यार के चलते अब विरोधी उनकी जान ले लेना चाहते हैं। वे इस मामले में पुलिस अधीक्षक से भी कई बार बात कर चुके हैं, लेकिन कोई प्रभाव नहीं है। डीएम व एसपी को जो भी कार्रवाई करनी चाहिए वह लिखित में होनी चाहिए। वे ऐसी कार्रवाई से डरने वाले नहीं हैं।यह भी पढ़ें: Mukesh Sahani: मुकेश सहनी को किसका इंतजार? झंझारपुर से गुलाब यादव को अब तक नहीं मिला टिकट
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