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कर्पूरी जयंती के बहाने अतिपिछड़ों को गोलबंद करने में जुटे राजनीतिक दल

कर्पूरी जयंती के बहाने सभी राजनीतिक दल अतिपिछड़ों को गोलबंद करने में जुट गए हैं। भाजपा हर जिले में इस मौके पर सम्मेलन करेगी। कार्यक्रम में पार्टी के अमित शाह के आने की संभावना है।

By Ravi RanjanEdited By: Updated: Wed, 10 Jan 2018 11:23 PM (IST)
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कर्पूरी जयंती के बहाने अतिपिछड़ों को गोलबंद करने में जुटे राजनीतिक दल

पटना [एसए शाद]। नए साल की शुरुआत से ही राज्य के प्रमुख राजनीतिक दल अतिपिछड़ों की गोलबंदी में जुट गए हैं। जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती इस कार्य का जरिया बनेगी। 24 जनवरी को श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में जदयू द्वारा आयोजित कर्पूरी जयंती समारोह को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार संबोधित करेंगे।

वहीं मुख्य विपक्षी दल राजद 24 जनवरी से 7 फरवरी तक पूरे पखवारे राज्य स्तर एवं जिलों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करेगा। इन कार्यक्रमों में लालू प्रसाद के जेल जाने को भी मुद्दा बनाया जाएगा। वहीं, भाजपा पहली बार हर जिले में इस मौके पर सम्मेलन करेगी । कार्यक्रम में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के आने की संभावना है।

चुनावी दृष्टिकोण से प्रदेश में अतिपिछड़ों का वोट बैंक महत्वपूर्ण है। इस समूह में करीब 110 छोटी-छोटी जातियां शामिल हैं और यह एक बड़ा वोट बैंक हैं। लालू प्रसाद के माई(मुस्लिम-यादव) समीकरण के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन के लिए नीतीश कुमार ने 2005 से ठीक पहले अतिपिछड़ों की जदयू के पक्ष में जबर्दस्त गोलबंदी की थी। उसी समय से जदयू हर वर्ष कर्पूरी जयंती समारोह का आयोजन बड़े पैमाने पर करता आ रहा है।

1996 से 2013 तक जदयू की सहयोगी रही भाजपा ने इस दौरान कर्पूरी जयंती के प्रति बहुत उत्साह नहीं दिखाया। मगर जदयू से अलग होने के बाद भाजपा ने कर्पूरी जयंती समारोह के प्रति अधिक दिलचस्पी दिखाई। 2016 में आयोजित समारोह में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी भाग लिया था। उस वर्ष श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में कार्यक्रम के आयोजन को लेकर भाजपा-जदयू के बीच विवाद भी हुआ था। यह विवाद पटना हाईकोर्ट तक पहुंचा और मामले में फैसला जदयू के पक्ष में हुआ था।

भाजपा एक बार फिर जदयू के साथ हो चुकी है और पूरे उत्साह के साथ कर्पूरी जयंती मनाने की तैयारी में है। अमित शाह के इस बार भी आने की संभावना है। यह तय नहीं हुआ है कि मुख्य आयोजन 23 या 24 जनवरी को होगा। समारोह स्थल भी अभी तय नहीं  है।

जदयू अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रभारी चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी ने इस बीच बताया कि करीब एक दर्जन टीमें गठित हुई हैं, जिन्हें जिलों के भ्रमण पर भेजा गया है। कर्पूरी ठाकुर के सपनों को नीतीश कुमार साकार कर अतिपिछड़ों का लगातार कल्याण कर रहे हैं। इस संदेश के साथ ये टीमें समारोह में आने का सभी को आमंत्रण दे रहीं हैं।

भाजपा की सहयोगी पार्टी रालोसपा 25 जनवरी को रवींद्र भवन में कर्पूरी जयंती समारोह आयोजित करेगी, जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा मुख्य वक्ता होंगे। हिन्दुस्तान अवाम मोर्चा अपने अध्यक्ष जीतन राम मांझी के आवास पर 24 जनवरी को जयंती मनाएगा।

जहां तक राजद का प्रश्न है तो हर वर्ष की भांति इस बार भी कर्पूरी जयंती पर मुख्य समारोह का आयोजन 24 जनवरी को पार्टी कार्यालय में ही होगा, लेकिन पार्टी पूरे पखवारे जयंती समारोह मनाएगी। राजद के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर सामाजिक न्याय के पुरोधा थे। उन्होंने अतिपिछड़ों को उनका हक दिलाया।

लालू प्रसाद भी सामाजिक न्याय के बड़े योद्धा हैं और उनका जेल जाना पिछड़ों एवं अतिपिछड़ों के लिए बड़ा आघात है। कर्पूरी जयंती पखवारा के दौरान हर जिले में राजद कार्यक्रम आयोजित करेगा जिसमें लालू प्रसाद के जेल जाने को भी मुद्दा बनाया जाएगा।