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Bihar: मंत्री आरके सिंह ने उठाया सवाल तो बिजली कंपनी ने ऊर्जा मंत्रालय को भेजा आकड़ा, बताई शट डाउन की वजह

बिजली कंपनी ने ऊर्जा मंत्रालय को आंकड़ा भेजकर शट डाउन का कारण बताया है। बता दें कि इस महीने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने सार्वजनिक रूप से यह कहा था कि जब केंद्र सरकार द्वारा बिहार को पर्याप्त बिजली उपलब्ध कराई जा रही है तो फिर शट डाउन की समस्या यहां क्यों है? इसी के जवाब मीन बिजली कंपनी ने मंत्रालय को आंकड़ा भेजा है।

By BHUWANESHWAR VATSYAYANEdited By: Jagran News NetworkUpdated: Fri, 25 Aug 2023 02:46 PM (IST)
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बिजली के तारों की सांकेतिक तस्वीर। फोटो- जागरण
राज्य ब्यूरो, पटना: बिजली कंपनी ने अगस्त महीने में बिहार में 20 दिनों की बिजली की उपलब्धता का आंकड़ा ऊर्जा मंत्रालय को भेज यह बताया है कि आखिर क्यों हो रहा यहां शट डाउन।

दरअसल, ऊर्जा मंत्रालय को इस वजह से आकड़ा भेजा गया है कि इसी महीने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने सार्वजनिक रूप से यह कहा था कि जब केंद्र सरकार द्वारा बिहार को पर्याप्त बिजली उपलब्ध करायी जा रही तो फिर शट डाउन क्यों हो रहा यहां?

शट डाउन का मतलब यह है कि किसी-किसी इलाके में कुछ समय के लिए बिजली काट कर दूसरे इलाके को बिजली की आपूर्ति की जाती है।

मांग के हिसाब से नहीं मिल रही बिजली 

बिजली कंपनी का कहना है कि ऊर्जा मंत्रालय द्वारा यह कहा जा रहा कि बिहार को उसकी मांग से अधिक बिजली उपलब्ध कराई जा रही है।

वहीं, आपूर्त्ति का आंकड़ा यह है कि नियमित रूप से औसत एक हजार से डेढ़ हजार मेगावाट बिजली की आपूर्ति कम हो रही। अक्सर कोई न कोई उत्पादन इकाई मेंटेनेंस में या फिर कुछ अन्य वजहों से बंद रहती हैं। इस वजह से बिहार में आपूर्ति की स्थिति प्रभावित रहती है।

पॉवर एक्सचेंज से भी आखिर समय पर नहीं मिल पाती है बिजली

बिजली कंपनी के आला अधिकारियों का कहना है कि एनटीपीसी की उत्पादन इकाईयों से मांग के अनुरूप बिजली उपलब्ध नहीं होने की वजह से आखिर समय में वे लोग पॉवर एक्सचेंज में बिड करते हैं। एक तो वहां से पर्याप्त बिजली की खरीद संभव नहीं हो पाती और दूसरी बात यह है कि पॉवर एक्सचेंज पर उपलब्ध बिजली मंहगी भी होती है।

नियमित रूप से भेजा जा रहा शेड्यूल

एनटीपीसी का तर्क रहा है कि बिजली कंपनी से उन्हें यह शेड्यूल नहीं मिल पाता कि कितने मेगावाट बिजली की मांग फलां तारीख को उनके यहां है। वहीं बिजली कंपनी के आला अधिकारी का कहना है कि इस बात में सच्चाई नहीं है।

बिजली कंपनी द्वारा नियमित रूप से शेड्यूल भेजा जाता है। शेड्यूल आपूर्ति के कई दिन पहले भेजा जाता है। ऐसा नहीं हाेने पर आपूर्ति ही संभव नहीं है।

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