बिहार में बिजली संकट : राजधानी समेत इन जिलों में बुरा हाल; कटौती से हलकान लोग सड़क पर उतरे, मुकदमे की धमकी
सावन समाप्त होते ही बिहार में विद्युत आपूर्ति चरमरा गई है। रविवार को भी दिन भर बिजली की आंख-मिचौनी जारी रही। आपूर्ति सुचारू नहीं रहने और उमस ने लोगों को खासा परेशान किया। बार-बार की कटौती से आजिज आए लोग अब आंदोलन करने के लिए सड़क पर उतर रहे हैं। सोमवार को नवादा में लोगों ने धरना देकर जाम लगा दिया।
जागरण डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार में बिजली कटौती से लोग खासे परेशान हैं। उत्तरी इलाके से लेकर दक्षिणी इलाके तक कटौती हो रही है। इससे गुस्साए लोग अब सड़कों पर भी उतरने लगे हैं।
वहीं, लोग बिजली कंपनियों को फोन करके कटौती को लेकर शिकायत कर रहे हैं। इधर, माले ने कंपनी की ओर से मुकदमे की धमकी की निंदा की है।
नवादा में सड़क पर धरने पर बैठे लोग
नवादा जिले के नारदीगंज में बिजली की समस्या के समाधान के लिए ग्रामीणों ने सोमवार को धरना दिया। राजगीर बोधगया राजमार्ग 82 पर बस्ती बिगहा बाजार में तकरीबन एक घंटे से सड़क जाम और आवागमन बाधित है।
सूचना पर नारदीगंज थानाध्यक्ष मुकेश कुमार दल बल के साथ पहुंचे। लोग बिजली की निर्बाध तरीके से आपूर्ति करने की मांग कर रहे हैं।
बिजली विभाग के वरीय अधिकारियों के आने पर सड़क जाम पर बैठे किसान अड़े हुए हैं, ताकि बिजली की समस्या से किसानों के आमलोगों को निजात मिल सके।
क्या है बिहार का बिजली संकट
- बिहार में फिर से बिजली संकट की स्थिति पैदा हो गई है। बिजली कंपनी से मिली आधिकारिक जानकारी के अनुसार रविवार को एनटीपीसी ने बिहार को दो हजार मेगावाट कम बिजली की आपूर्ति की।
- बिजली कंपनी को एनटीपीसी को 6200 मेगावाट बिजली की आपूर्ति करनी है। परंतु 4200 मेगावाट बिजली की आपूर्ति हो रही है। एनटीपीसी की कई उत्पादन इकाइयों में उत्पादन ठप होने से ऐसी स्थिति बनी है।
- एनटीपीसी ने कुछ इकाइयों के फिर से उत्पादन में आने की तारीख तो बिजली कंपनी को बतायी है, पर कुछ इकाइयों के बारे में कहा है कि अभी कुछ कहा नहीं जा सकता। बिजली कंपनी पावर एक्सचेंज में बिजली के लिए बिड कर रही पर वहां भी पर्याप्त बिजली उपलब्ध नहीं है।
इस तरह बढ़ता गया संकट
- एनटीपीसी की फरक्का स्थित उत्पादन इकाई से बिहार को 141 मेगावाट बिजली मिलती है, परंतु जुलाई से यह यूनिट बंद है।
- दरलीपल्ली की यूनिट-1 भी दो सितंबर को बंद हो गई थी। इस यूनिट से बिहार को 150 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की जाती है पर अभी यह शून्य हो गई है।
- कोयले की खराब क्वालिटी से कहलगांव स्थित एनटीपीसी की एक इकाई से बिहार को 78 मेगावाट की जगह 52 मेगावाट बिजली ही मिल रही है।
- बाढ़ स्थित एनटीपीसी के स्टेज-1 के यूनिट-2 से 371 मेगावाट बिजली बिहार को मिलनी है, परंतु अभी 305 मेगावाट ही मिल रही है।
- बाढ़ के स्टेज-1 के यूनिट-1 से 371 मेगावाट बिजली मिलनी है, लेकिन यहां ब्वायलर में आई गड़बड़ी से आपूर्ति शून्य है। यह कब शुरू होगी, इसकी कोई तारीख नहीं मिली है।
- बाढ़ के स्टेज-2 के यूनिट 4 से 536 मेगावाट की आपूर्ति शून्य पर आ गई है।
भोरे : माले ने मुकदमा करने की धमकी की निंदा की
पिछले करीब एक सप्ताह से बिजली आपूर्ति में लगातार की जा रही कटौती की शिकायत करने पर बिजली कंपनी की ओर से मुकदमा करने की धमकी दिए जाने की माले ने निंदा की है।
पार्टी के जिला सचिव इंद्रजीत चौरसिया ने निंदा करते हुए कहा है कि बिजली विभाग का निजीकरण इसलिए किया गया कि आपूर्ति में सुधार हो, लेकिन समस्या बढ़ रही है।
भीषण गर्मी में कटौती होगी तो उपभोक्ता बिजली कंपनी से पूछेंगे ही और यदि इसके लिए कॉल करने पर बिजली कंपनी की ओर से मुकदमा करने की धमकी दी जाती है, तो माले इसकी घोर निंदा करता है।
बिजली कंपनी को तत्काल इस आदेश को वापस लेते हुए समस्या का हल जल्द से जल्द करना चाहिए।
दावा : पटना जिले को आज मिली पर्याप्त बिजली
साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी (south bihar power distribution) रविवार को पटना जिले को पर्याप्त मात्रा में बिजली उपलब्ध कराई। पटना विद्युत आपूर्ति प्रतिष्ठान के महाप्रबंधक मुर्तजा हेलाल ने बताया कि बिजली संकट का असर पटना शहरी क्षेत्र में नहीं है। सभी ग्रिडों को मांग के अनुसार पर्याप्त बिजली मिल रही है।
बताया कि शाम आठ बजे पटना में 550 मेगावाट बिजली की खपत हुई। किसी क्षेत्र में लोडशेडिंग नहीं की गई। पटना अंचल के अधीक्षण अभियंता शंकर चौधरी ने बताया कि शनिवार को बिजली कटौती की गई थी। रविवार को जिले के ग्रामीण क्षेत्रों को पर्याप्त मात्रा में बिजली मिल रही है।
मुजफ्फरपुर : तकनीकी खराबी से बिजली उत्पादन में कमी
बिजली उत्पादन यूनिट में तकनीकी खराबी आने से राज्य में इसकी आपूर्ति पर असर पड़ा है। नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लि. (एनबीपीडीसीएल) (north bihar power distribution) को मांग के विपरीत काफी कम बिजली उपलब्ध कराई है।
इससे कई जिलों को रोटेशन के आधार पर बिजली की आपूर्ति की जा रही है। एनबीपीडीसीएल की ओर से कहा गया है कि जल्द से जल्द खराबी को दूर करने के लिए प्रयास किया जा रहा है।
स्थिति सामान्य होने में एक से दो दिन का समय लग सकता है। मांग के अनुरूप विधुत आपूर्ति नहीं होने से रोटेशन पर बिजली दी जा रही है।
इस कारण मुजफ्फरपुर में शहरी से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में भी बिजली की आपूर्ति प्रभावित हुई। कई मुहल्ले में देर रात तक बिजली कटी रही। ब्रह्मपुरा फीडर, सकरा के सुस्ता फीडर में लंबे समय तक आपूर्ति बाधित रही।
कुशेश्वरस्थान में आंदोलन की चेतावनी
सितंबर में धूप व उमस भरी गर्मी में बिजली की आंख-मिचौनी से उपभोक्ता परेशान हैं। इन दिनों 16-18 घंटे ही मुश्किल से बिजली मिल पाती है। यहां हर एक से दो घंटे के बाद बिजली के गुल होना आम बात है।
बिजली कटौती से आजिज हिरणी निवासी दीपक चौधरी, गोविंद चौधरी, कृष्ण झा, नरेश झा, आयूष चौधरी, शंभू साह, अमरजीत साह, बौआ चौधरी आदि ग्रामीणों ने बताया कि प्रखंड कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन करना ही अंतिम विकल्प है। इसके लिए तैयारी चल रही है। जल्द विरोध में आंदोलन शुरू होगा।
इस संबंध में पूछे जाने पर सोहरबा घाट स्थित विद्युत उपकेंद्र के कर्मी ने बताया कि दिन में छोटे मोटे फाल्ट की वजह से बिजली चली जाती है, जबकि रात्रि में लोड सेटिंग के चलते बिजली आपूर्ति बाधित होती है।
सीतामढ़ी : आपूर्ति के लिए प्रदर्शन
रविवार को बछाड़पुर के ग्रामीणों ने पुपरी-सीतामढ़ी पथ को बछाड़पुर पंचायत भवन के समीप बांस-बल्ला से जाम कर प्रदर्शन किया। इस दौरान सड़क पर ग्रामीणों ने विभाग के खिलाफ नारेबाजी की। बाद में सूचना पाकर पहुंची एएसपी दीक्षा ने ग्रामीणों को समझा-बुझाकर मामला शांत कर जाम समाप्त कराया।
शाहकुंडः पांच की जगह ढाई मेगावाट की आपूर्ति
रविवार को संध्या पांच बजे से शाहकुंड में विद्युत आपूर्ति सुचारू तरीके से बहाल हुई। गर्मी में लोगों का जीना मुहाल हो गया, पेयजल की समस्या पैदा हो गई। कनीय अभियंता आशीष कुमार ने बताया कि वर्तमान समय में महज ढाई मेगावाट बिजली की आपूर्ति की जा रही है। जबकि फुल लोड बिजली के लिए कम से कम पांच मेगावाट बिजली की जरूरत है।
उधर, सन्हौला, नदियामा व घोघा में तीनों फीडर के उपभोक्ता परेशान हैं। यहां कनीय अभियंता आलोक कुमार ने बताया कि फाल्ट रहने के कारण बिजली ट्रिप करती है।
उन्होंने बताया कि सन्हौला के तीनों फीडरों के लिए नौ मेगावाट बिजली की आवश्यकता है, लेकिन इससे कम बिजली आपूर्ति हो रही है।
इधर, मुंगेर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव, सांसद राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह और स्थानीय विधायक प्रणव कुमार के खिलाफ लोगों ने रविवार को प्रदर्शन किया।
इसके साथ ही आंदोलन और तालाबंदी की चेतावनी दी। अररिया में भी कटौती से पेयजल संकट पैदा हो रहा है। यहां पांच से आठ घंटे के लिए बिजली गायब रहती है।
कहलगांव क्षेत्र में 60 मेगावाट की जगह मिल रही है आधी बिजली
कहलगांव क्षेत्र में बिजली की स्थिति बदतर बनी हुई है। अनुमंडल क्षेत्र में 60 मेगावाट बिजली खपत है, लेकिन कटौती कर विद्युत आपूर्ति आधी कर दी है।
एनटीपीसी को लेकर ऊर्जा की नगरी कहलाने वाली कहलगांव में एसएलडी (स्टेट लोड डिसपेच) का कहर जारी है। गत एक सप्ताह से एसएलडी द्वारा मनमाने ढंग से विद्युत आपूर्ति में कटौती की जा रही है।
शाम ढलते ही ग्रामीण इलाकों में अंधेरा छा जाता है। जमुई, भागलपुर, सहरसा, बेगूसराय, अमनौर, कौआकोल, नरहट आदि जगहों के लोग भी कटौती से परेशान हैं।