प्रशांत किशोर: मामूली से शहर का लड़का बना राजनीति का चाणक्य, बिहार के बक्सर से शुरू होती है ये कहानी
प्रशांत किशोर के जीवन की शुरुआत बिहार के बेहद छोटे से शहर बक्सर से हुई। उनकी शुरुआती पढ़ाई भी इसी शहर में हुई। उच्च शिक्षा के लिए वे बक्सर से बाहर निकले तो फिर मुड़कर नहीं देखा। उनका जीवन सफलता की आश्चर्यजनक कहानी है।
पटना, आनलाइन डेस्क। Prashant Kishor Biography: प्रशांत किशोर का नाम आज भारत के किसी भी कोने में परिचय का मोहताज नहीं है। भारत के बड़े राजनीतिक विश्लेषकों और चुनाव रणनीतिकारों में उनकी गिनती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गुजरात से दिल्ली लाने के दौरान उन्होंने भाजपा के चुनावी रणनीतिकार की भूमिका अदा की। बाद में वे कांग्रेस, जनता दल यूनाइटेड, तृणमूल कांग्रेस सहित कई दलों के लिए इसी भूमिका में दिखे। भारत का हर राजनीतिक दल उनकी अहमियत समझता है। प्रशांत किशोर का सफर बिहार के एक बेहद मामूली से शहर बक्सर से शुरू होता है, जहां उनके पिता श्रीकांत पांडेय डाक्टर थे।
शुरुआती शिक्षा बक्सर से ही हुई
प्रशांत किशोर की शुरुआती शिक्षा बक्सर से ही हुई। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए वे बक्सर से हैदराबाद चले गए। बाद में उन्होंने पब्लिक हेल्थ में पोस्ट ग्रेजुएशन किया और ट्रेंड पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट के तौर पर यूनाइटेड नेशंस के लिए काम करने लगे। यूएन के लिए काम करते हुए उनकी पहली पोस्टिंग आंध्र प्रदेश में हुई। बाद में इनका तबादला बिहार हो गया। कुछ दिनों के बाद उन्हें यूएन के मुख्यालय में काम करने का मौका मिला। उन्होंने यूएन के तहत ही अफ्रीका के देशों में काम किया। इसी दौरान उन्होंने भारत के कुछ राज्यों में कुपोषण पर आधारित एक रिसर्च पेपर तैयार किया। इसमें गुजरात का भी जिक्र था। दावा किया जाता है कि इसी रिपोर्ट के बाद नरेंद्र मोदी से इनकी मुलाकात हुई।
प्रशांत किशोर को एक और भाई व दो बहनें भी हैं
उनके पिता श्रीकांत पांडेय बक्सर और इसके पहले भोजपुर जिले के शाहपुर में सेवा दिया करते थे। वे मूल तौर पर बिहार के ही रोहतास जिले के कोनारी गांव के रहने वाले थे। कुछ साल पहले उनका निधन हो गया। प्रशांत किशोर के एक और भाई और दो बहनें भी हैं। बक्सर में इस परिवार को जानने वाले बताते हैं कि प्रशांत किशोर के भाई दिल्ली में रहते हैं। प्रशांत किशोर का जन्म वर्ष 1977 बताया जाता है। उनकी मां बक्सर से सटे उत्तर प्रदेश के बलिया जिले की रहने वाली हैं। प्रशांत ने जाह्नवी दास से शादी की है। जाह्नवी पेशे से डाक्टर हैं। वे असम के गुवाहाही में पोस्टेड रही हैं। दंपती को एक बेटा भी है।
34 साल की उम्र में नरेंद्र मोदी से जुड़े
प्रशांत किशोर का राजनीति से जुड़ाव 34 वर्ष की उम्र में हुआ। वे तब यूनाइटेड नेशंस के तहत अफ्रीका में नौकरी कर रहे थे। 2011 में इनकी मुलाकात गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई। एक कार्यक्रम में प्रशांत किशोर की प्रस्तुति के अंदाज ने नरेंद्र मोदी को प्रभावित किया। इसके बाद दोनों एक-दूसरे के करीब आए। प्रशांत ने अपनी नौकरी छोड़कर गुजरात सरकार और नरेंद्र मोदी के लिए ब्रांड मैनेजर के तौर पर काम शुरू किया। उनका आई पैक नाम का एक संगठन है, जिसका पूरा नाम है इंडियन पालिटिकल एक्शन कमेटी। यह राजनीतिक दलों को ब्रांडिंग और चुनाव अभियान के लिए सेवाएं उपलब्ध कराता है।
नीतीश कुमार से ममता बनर्जी तक के लिए किया काम
प्रशांत किशोर बतौर चुनावी रणनीतिकार बिहार में जदयू के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ काम कर चुके हैं। यह वह वक्त था, जब नीतीश, भाजपा से अलग होकर राजद के साथ चले गए थे। नीतीश ये चुनाव जीते थे। पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह भी प्रशांत की सेवा ले चुके हैं। हाल में ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में प्रशांत की सेवाएं लीं। वे आम आदमी पार्टी और वाईएसआर कांग्रेस के लिए भी काम कर चुके हैं।