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प्रशांत किशोर ने बताया अपने 'जन सुराज' का एक्‍शन प्‍लान, कहा- सीएम नीतीश से कोई व्‍यक्तिगत विवाद नहीं

Prashant Kishor Press Confrence चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने स्‍पष्‍ट किया कि वे फिलहाल सक्रिय राजनीति में नहीं आ रहे हैं। हां उन्‍होंने आगे इससे इनकार भी नहीं किया। उन्‍होंने लोगों से बदलाव में आगे आने का आह्वान किया है।

By Amit AlokEdited By: Updated: Thu, 05 May 2022 03:02 PM (IST)
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संवाददाता सम्‍मेलन में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर। तस्‍वीर: जागरण।

पटना, ऑनलाइन डेस्‍क। Prashant Kishor News: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) पटना में मीडिया से मुखातिब हैं। इसमें उन्‍होंने स्‍पष्‍ट किया है कि वे फिलहाल सक्रिय राजनीति में नहीं आ रहे हैं। हां, बाद में लोगों ने चाहा तो राजनीतिक दल बना सकते हैं। उन्‍होंने कहा कि वे अपने सुराज की परिकल्‍पना के तहत बिहार में बदलाव के वाहक बनने की कोशिश करेंगे। हाल ही में कांग्रेस (Congress) के ऑफर को ठुकरा दिया था। उन्‍होंने कहा कि फिलहाल वे लोगों से मिलकर अपने जन सुराज की बात समझाएंगे। बिहार के जन-जन तक पहुंचने की कोशिश करेंगे। उन्होंने राज्‍य के लोगों से बदलाव के लिए आगे आने का आह्वान किया। कहा कि वे लोगों का विश्‍वास जीतेंगे। जिन्हें डाउट है, वे उन्‍हें एक मौका दें। मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर कहा कि उनसे कोई झगड़ा नही है। यदि नीतीश कुमार मिलने के लिए बुलाते हैं तो वे जाएंगे। बताया राजनीति का अपना एक्‍शन प्‍लान

प्रशांत किशोर ने बताया कि सक्रिय राजनीति में आने का उनका फिलहाल कोई इरादा नहीं है। फिलहाल वे जन सुराज की अपनी परिकल्‍पना के तहत राज्‍य में घूमकर लोगों से मिलेंगे। इस यात्रा की शुरुआत पश्चिम चंपारण से 2 अक्‍टूबर को करेंगे। बिहार के जल-जन तक पहुंचकर लोगों से बात करेंगे। उनके सुझावों के आधार पर यदि लोग पार्टी बनाना चाहेंगे तो लोगों के साथ एक ईंट उनकी भी लगेगी।

लालू-नीतीश राज में पिछड़ा रहा बिहार

प्रशांत किशोर ने तीन दशक के लालू-नीतीश राज को भी आड़े हाथों लिया। कहा कि तीन दशक से लालू और नीतीश का राज रहा है। लालू और उनके समर्थकों का मानना है कि लालू राज में सामाजिक न्याय की बात हुई, उन्‍होंने पिछड़ों को आवाज दी। नीतीश कुमार और उनके समर्थकों का मानना है कि उनके काम में सामजिक न्याय के साथ विकास हुआ है। दोनो दावों में कुछ सच्चाई जरूर है, लेकिन यह भी सच है कि बिहार सबसे पिछड़ा राज्य है। बिहार में शिक्षा, स्वास्थ्य व्यवस्था ध्वस्त है।

विकास के लिए नई सोच और नए प्रयास की जरूरत

प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार को आगे बढ़ाने के लिए नई सोच और नए प्रयास की जरूरत है। अगर बिहार के सब लोग मिल कर नई सोच को आगे नही बढ़ाएंगे बिहार आगे नही बढ़ सकता है। बिहार के लोगो को बदलाव के लिए आगे आना होगा। उन्‍होंने कहा कि पांच महीनों में 17 हज़ार से अधिक लोगो से संपर्क स्थापित किया है। उन सबों से मुलाकात करूंगा। पिछले तीन दिनों में भी 150 से अधिक लोगो से मिला हूं। अगले तीन-चार महीने में 17- 18 हज़ार लोगो से मिलकर जन सुराज पर चर्चा करनी है। कहा कि उनका फोकस बिहार के लोगो से मिलना और उनकी बात को समझना तथा जन सुराज से लोगों को जोड़ना है।

जन सुराज की सोच रखने को साथ लाकर काम करना लक्ष्य

प्रशांत ने कहा कि अगर उनका लक्ष्य चुनाव लड़ना होता तो वे चुनाव के छह महीने पहले आते और चुनाव लड़ते। उनका लक्ष्य जन सुराज की सोच रखने को साथ लाकर काम करने की है। अगर सबके बीच समन्वय बनाता है, तो दल के गठन का फैसला लिया जाएगा। जो दल बनेगा, वो प्रशांत किशोर के साथ उसमें साथ देनेवाले सबका होगा।

लोगों का विश्‍वास जीतेंगे, जिन्हें डाउट है, वे मौका दें

कहा कि आने वाले समय में वे लोगों का विश्‍वास जीतेंगे। जिन्हें डाउट है, वे मुझे एक मौका दें। बिहार में जाति की राजनीति को लेकर उन्‍होंने आंकड़ों का हवाला देकर कहा कि बिहार में केवल जातीय समीकरण से वोट नही पड़ते। बगर ऐसा होता तो पीएम मोदी को सबसे ज्यादा वोट नहीं मिले होते। अपनी व्‍यवसायिक गतिविधियों को लेकर कहा कि उनकी संस्‍था 'आई पैक' काम करती रहेगी। उसके साथ उनका कोई सीधा वर्किंग रिलेशन नहीं है। आई पैक बेहतर हाथों में है।

जेडीयू में रही थी राजनीति की पहली पारी

विदित तो कि यह प्रशांत किशोर सक्रिय राजनीति में जनता दल यूनाइटेड (JDU) के साथ पहली पारी खेल चुके हैं। लेकिन बाद में नीतीश कुमार ने उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया था। इसके बाद उनकी राजनीति की दूसरी पारी कांग्रेस के साथ शुरू होती दिख रही थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। अब एक बार फिर उन्‍होंने इसपर फिलहाल विराम लगाते हुए आगे इसकी संभावना को बरकरार रखा है।