Prashant Kishor : जन सुराज को कब पार्टी बनाएंगे PK? खुद डेट कर दी कन्फर्म, भरी सभा में बोले- जिसका हाथ पकड़ लें...
जनसुराज (Jan Suraaj) के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने अब यह कन्फर्म कर दिया है कि जनसुराज पार्टी कब बनेगी। लगातार कई दिनों से प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) बिहार के विधानसभा चुनाव में भाग लेने की बात कर रहे हैं। फिलहाल वह कई जगहों पर जाकर लोगों को संबोधित कर रहे हैं। दूसरी तरफ चुनावी मैदान में उतरने से पहले ही उन्होंने तमाम नेताओं को घेरना शुरू कर दिया है।
डिजिटल डेस्क, पटना। Bihar Politics News Hindi जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने यह कन्फर्म कर दिया है कि जन सुराज (Jan Suraaj) कब तक पार्टी बन जाएगी। बता दें कि प्रशांत किशोर बिहार में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) को लेकर काफी एक्टिव हैं। पिछले कई दिनों से वह लगातार यह कह रहे हैं कि उनकी पार्टी विधानसभा चुनाव में हिस्सा लेगी।
लोगों को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि कुछ दिन पहले हम लोगों ने तय किया है कि 2 अक्टूबर को जब जन सुराज अभियान के 2 साल पूरे हों तब इसे पार्टी में तब्दील किया जाएगा।
पार्टी बनते ही होंगे एक करोड़ सदस्य- प्रशांत किशोर
उन्होंने कहा कि 2 अक्टूबर को जब दल के रूप में जन सुराज की औपचारिक घोषणा होगी, तब ये देश की पहली ऐसी पार्टी होगी। जिसके बनते ही एक करोड़ सदस्य होंगे। यह पहले ऐसा दल होगा, जिसे बनाने वाला किसी समुदाय, परिवार और जाति विशेष से नहीं होगा। इसे बिहार भर के लोग मिलकर बना रहे होंगे।
जन सुराज दल कब बनेगा? pic.twitter.com/BeNOiMVa0j
उन्होंने कहा कि इसके नेता ना प्रशांत किशोर थे, ना होंगे। जो लोग इस पार्टी को बनाएंगे, 2 अक्टूबर को वे लोग मिलकर इसका संविधान भी बनाएंगे। वे लोग चुनाव के माध्यम से इसका नेता चुनेंगे। इसका नेता कभी प्रशांत किशोर नहीं हो सकते।
मैं यहां नेता बनने नहीं आया हूं- प्रशांत किशोर
Bihar News उन्होंने कहा कि मैंने पहले ही घोषणा कर दी है कि मैं यहां नेता बनने नहीं आया हूं, हमारी भूमिका सूत्रधार की है। उन्होंने कहा कि विधायक और मंत्री ही नहीं बल्कि प्रधानमंत्री तक बनाने में मेरी भूमिका रही। इतना ही नहीं, देश में 10 मुख्यमंत्री भी बनाए, लेकिन इस काम को 2 साल पहले छोड़ दिया।
प्रशांत किशोर ने कहा कि लोग कहते हैं कि हम जिसका हाथ पकड़ लें, वही जीतकर राजा हो जाता है। तो हमने यह तय किया कि अब किसी दल या नेता का नहीं बल्कि बिहार की जनता का हाथ पकड़ते हैं, ताकि आप में जो सक्षम आदमी है, वह जीतकर आए और बिहार को आगे बढ़ाए।
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