Prashant Kishor: पहले शराबबंदी और अब... प्रशांत किशोर का एक और बड़ा एलान, हिल जाएगी बिहार की सियासत!
जन सुराज पार्टी अपने संविधान में राइट टू रिकॉल का प्रावधान करेगी जिससे मतदाता अपने चुने हुए प्रतिनिधि को ढाई वर्ष के कार्यकाल के बाद अविश्वास प्रस्ताव लाकर हटा सकेंगे। पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा कि यह प्रावधान जनता के प्रतिनिधियों की जवाबदेही सुनिश्चित करेगा। बता दें कि 2 अक्टूबर को जन सुराज पार्टी का रूप ले लेगा।
राज्य ब्यूरो, पटना। दो अक्टूबर को जन सुराज पार्टी (Jan Suraaj) का स्वरूप लेगा। इसके पहले इसके संस्थापक प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने एलान किया है कि जन सुराज पहली ऐसी पार्टी होगी जिसके संविधान में राइट टू रिकॉल (Right To Recall) यानी चुने हुए प्रतिनिधि को वापस बुलाने का आधिकार दिया जाएगा।
यदि मतदाताओं को अपना चुना हुआ प्रतिनिधि पसंद नहीं आता है तो उसके ढाई वर्ष के कार्यकाल के बाद अविश्वास प्रस्ताव लाकर उसे हटाया जा सकेगा।
लगातार पैदल चल रहे प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर पार्टी स्थापना के पूर्व लगातार पैदल यात्रा कर रहे हैं और लोगों को यह बताने का प्रयास कर रहे हैं कि जन सुराज अन्य पार्टियों से कैसे अलग होगी।
क्या है राइट टू रिकॉल?
इसी क्रम में उन्होंने बुधवार को राइट टू रिकॉल को लेकर अपनी बात रखी। पीके ने कहा कि जन सुराज यह प्रविधान संविधान में जोड़ रहा है कि प्रतिनिधि जन सुराज से जरूरत जीतता है और किसी कारणवश जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरता है तो जनता के पास यह विकल्प होगा कि वह उसके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित करे।
उन्होंने कहा कि ऐसा कानून देश में अभी लागू नहीं है, लेकिन जन सुराज इसे अनिवार्य रूप से लागू करेगा, ताकि जनता के प्रतिनिधियों की जवाबदेही और भी अधिक सुनिश्चित हो सके।
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