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Prashant Kishor: जसुपा के हाथ लगा राजद का 'सीक्रेट' डाटा? प्रशांत किशोर ने बता दी अंदर की बात

जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने राजद पर कटाक्ष करते हुए कहा कि राजद कब से डाटा वाली पार्टी बन गई। उन्होंने कहा कि राजद का काम लालटेन दंगा फसाद और अपहरण-अपराध को शह देना है। पढ़ाई-लिखाई और डाटा से उसका क्या लेना-देना। उन्होंने कहा कि चाल चरित्र चेहरा परिवारवाद और भाई-भतीजावाद की बात करने वाली पार्टी तरारी में पूरी तरह बेनकाब हो गई है।

By Vikash Chandra Pandey Edited By: Rajat Mourya Updated: Wed, 06 Nov 2024 07:40 PM (IST)
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जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव
राज्य ब्यूरो, पटना। चाल, चरित्र और चेहरा का हवाला देते हुए जन सुराज पार्टी (जसुपा) के सूत्रधार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने बुधवार को राजद (RJD) पर करारा कटाक्ष किया। राजद के सक्रिय सदस्यों का डाटा जसुपा के हाथ लगने की बात पर उन्होंने प्रश्नवाचक अंदाज में पूछा कि राजद कब से डाटा वाली पार्टी बन गई, वह तो लालटेन वाली पार्टी है।

पीके ने आगे कहा, यह सब पढ़ाई-लिखाई, डाटा क्या होता है, इसे कैसे स्टोर किया जाता है, यह राजद को कैसे पता होगा! राजद का काम तो लालटेन, दंगा, फसाद, और अपहरण-अपराध को शह देने का है। पढ़ाई-लिखाई और डाटा से उसका क्या लेना-देना! तरारी विधानसभा क्षेत्र में जन संवाद के बाद पीके ने पत्रकारों के समक्ष भाजपा को भी लपेटे में लिया।

उन्होंने कहा कि चाल, चरित्र, चेहरा, परिवारवाद और भाई-भतीजावाद की बात करने वाली पार्टी तरारी में पूरी तरह बेनकाब हो गई है। तरारी में भाजपा के प्रत्याशी ने उसके (भाजपा के) असली चेहरे को उजागर कर दिया है। इससे भाजपा की कथनी और करनी में अंतर की जानकारी सबको हो गई है।

विधानसभा चुनाव से पहले राजद में मचेगी भगदड़: प्रभाकर

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रभाकर कुमार मिश्र का कहना है कि अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले ऐसी भगदड़ मचेगी कि राजद का नाम-ओ-निशान मिट जाएगा। मंगलवार को बयान जारी कर उन्होंंने कहा कि राजद में पहले ही कई दरारें आ चुकी हैं, अब सिर्फ टूटकर बिखरना बाकी है। 2025 के विधानसभा चुनाव में राजद की अब तक की सबसे बड़ी हार होने वाली है।

'नेताओं का लालू-तेजस्वी से मोहभंग'

खबरें आ रही हैं कि तेजस्वी के आईटी सेल से राजद के चार लाख से अधिक सक्रिय कार्यकर्ताओं का डाटा गायब हो गया है। दरअसल, राजद के नेताओं-कार्यकर्ताओं का लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव से मोहभंग हो चुका है। वे समझ चुके हैं कि राजद में उनका भविष्य नहीं। इसलिए वे विकल्प तलाश रहे हैं। जल्द ही वे दूसरे दलों का दामन थाम लेंगे।

नौकरी देने का झूठा श्रेय ले रहे हैं तेजस्वी: संतोष

हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राज्य सरकार में मंत्री डॉ. संतोष कुमार सुमन ने बीते दिनों कहा कि तेजस्वी यादव नौकरी देने का झूठा श्रेय लेने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव को अपने माता-पिता के 15 साल के राज की 101 आपराधिक घटनाओं, 101 अपहरण कांडों, शिल्पी जैन और चम्पा विश्वास बलात्कार कांड जैसी शर्मनाक घटनाओं के साथ-साथ दलित विरोधी नरसंहारों की भी सूची जारी करनी चाहिए। जिनके परिवार में दो पूर्व मुख्यमंत्री सहित छह लोग रेलवे की नौकरी के बदले जमीन लेने के मामले में अभियुक्त हैं और जमानत पर हैं, वे किसी को नौकरी दिलाने का श्रेय कैसे लूट सकते हैं?

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर विभिन्न चरणों में लगभग पांच लाख शिक्षकों और अन्य सरकारी पदों पर जो नियुक्तियां हुईं , वह सरकार का फैसला था, किसी डिप्टी सीएम का नहीं।

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