Move to Jagran APP

Bihar News: 16वें वित्त आयोग के गठन की तैयारी तेज, बिहार सरकार विशेषज्ञों से लेगी राय; जानिए पूरी योजना

Bihar News 16वें वित्त आयोग के गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस संदर्भ में केंद्र सरकार द्वारा बिहार समेत सभी राज्यों से टर्म ऑफ रेफरेंस के लिए राय मांगी गई है। संविधान के अनुच्छेद-280 के तहत हर पांचवें वर्ष वित्त आयोग का गठन किया जाता है। इसका काम केंद्र और राज्यों के बीच केंद्रीय करों के बंटवारे का फार्मूला तैयार करना है।

By Edited By: Prince SharmaUpdated: Fri, 15 Sep 2023 05:30 AM (IST)
Hero Image
Bihar News: 16वें वित्त आयोग के गठन की तैयारी तेज, बिहार सरकार विशेषज्ञों से लेगी राय
पटना,  विकास चन्द्र पाण्डेय। 16वें वित्त आयोग के गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस संदर्भ में केंद्र सरकार द्वारा बिहार समेत सभी राज्यों से टर्म ऑफ रेफरेंस के लिए राय मांगी गई है। राय देने के लिए बिहार सरकार विशेषज्ञों से यथाशीघ्र विचार-विमर्श शुरू करेगी। हालांकि, कई फोरम पर राज्य सरकार 14वें और 15वें वित्त आयोग द्वारा फंडिंग पैटर्न बदलने से बिहार को हुए नुकसान का मुद्दा उठाती रही है।

पांचवें वर्ष वित्त आयोग की गठन

संविधान के अनुच्छेद-280 के तहत हर पांचवें वर्ष वित्त आयोग का गठन किया जाता है। इसका काम केंद्र और राज्यों के बीच केंद्रीय करों के बंटवारे का फार्मूला तैयार करने के साथ राज्य के कोष को बढ़ाने के लिए आवश्यक उपायों के बारे में सलाह देने का होता है।

I.N.D.I.A गणबंधन के घोषणा पत्र को देख बिफरी ममता बनर्जी! लालू-नीतीश पर मनाने की जिम्‍मेदारी

16वें वित्त आयोग की अनुशंसा के आधार पर 2025-2030 की अवधि हेतु केंद्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी और दूसरी वित्तीय सुविधाएं तय होंगी। अभी 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के आधार पर वित्तीय आवंटन हो रहा है। सहकारी संघवाद की मजबूती, सार्वजनिक व्यय की गुणवत्ता में सुधार और राजकोषीय स्थिरता जैसे उद्देश्यों के लिए इसकी प्रशंसा होती है।

देश एक चुनाव के संदर्भ में सदस्य घोषित

वर्तमान वित्त आयोग के अध्यक्ष बिहार के: राजकोषीय संघवाद में सुधार के लिए 15वें वित्त आयोग की स्थापना हुई थी। उसका कार्यकाल अब पूरा होने वाला है। यह संयोग ही रहा कि 15वें वित्त आयोग का नेतृत्व एनके सिंह कर रहे, जो मूलत: बिहार के हैं। जदयू से राज्यसभा सदस्य रह चुके एनके सिंह अभी एक देश-एक चुनाव के संदर्भ में परामर्श देने वाली समिति के सदस्य घोषित हो गए हैं।

फॉर्मूले का मानक व संभावित राय: संसाधन वितरण हेतु 16वें वित्त आयोग के फार्मूले में वर्तमान जनसंख्या को आधार बनाया जाना चाहिए। 15वें वित्त आयोग ने 2011 की जनगणना को आधार बनाया है। वन क्षेत्र के बदले हरित क्षेत्र को आधार बनाने की अपेेक्षा है, जो राज्यों के प्रयास का प्रतिफल है। करों के ऊर्ध्वाधर हस्तांतरण को नियंत्रित करने वाले सिद्धांत को लेकर भी राज्यों की परेशानी है।

I.N.D.I.A गणबंधन के घोषणा पत्र को देख बिफरी ममता बनर्जी! लालू-नीतीश पर मनाने की जिम्‍मेदारी

क्षैतिज हिस्सेदारी से बिहार को नुकसान: 14वें और 15वें वित्त आयोग द्वारा फंडिंग पैटर्न बदलने से हुई क्षति का आंकड़ा बिहार सरकार पहले ही जारी कर चुकी है। वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी की मानें तो 13वें वित्त आयोग (2010-15) में क्षैतिज हिस्सेदारी की तुलना में 14वें वित्त आयोग (2015-20) और 15वें वित्त आयोग (2020-25) द्वारा की गई कमी के कारण बिहार को 61195.80 करोड़ की क्षति हुई है।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।