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राष्ट्रपति ने बिहार CM नीतीश का न्‍योता स्‍वीकारा, चौथा कृषि रोडमैप लॉन्‍च करने पटना आएंगी द्रौपदी मुर्मु

Bihar Fourth Agricultural Roadmap Launch बिहार के चौथे कृषि रोडमैप को लांच करने 18 अक्टूबर को राष्ट्रपति दौपदी मुर्मु पटना आएंगी। गांधी मैदान के पास स्थित ज्ञान भवन सभागार में कृषि रोडमैप लॉन्‍चिंग समारोह का आयोजन किया जाएगा। राज्य में खेती किसानी को बढ़ावा देने के लिए 162268.78 करोड़ रुपये की लागत से अगले पांच वर्षों यानी वर्ष 2023 से 2028 तक के लिए कृषि रोडमैप बनाया गया है।

By Raman ShuklaEdited By: Prateek JainPublished: Sat, 30 Sep 2023 09:38 PM (IST)Updated: Sat, 30 Sep 2023 09:38 PM (IST)
Bihar: चौथा कृषि रोडमैप लॉन्‍च करने पटना आएंगी राष्ट्रपति दौपदी मुर्मु, ज्ञान भवन सभागार में होगा भव्‍य समारोह

राज्य ब्यूरो, पटना: बिहार के चौथे कृषि रोडमैप को लांच करने 18 अक्टूबर को राष्ट्रपति दौपदी मुर्मु पटना आएंगी। गांधी मैदान के पास स्थित ज्ञान भवन सभागार में कृषि रोडमैप लॉन्‍चिंग समारोह का आयोजन किया जाएगा।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आमंत्रण को राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया है।  राज्य में खेती किसानी को बढ़ावा देने के लिए 162268.78 करोड़ रुपये की लागत से अगले पांच वर्षों यानी वर्ष 2023 से 2028 तक के लिए कृषि रोडमैप बनाया गया है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर इस रोडमैप में कृषि के सर्वांगीण विकास के साथ ही किसानों की आमदनी बढ़ाने पर विशेष ध्यान रहेगा। 

उन्नत खेती के 100 सीड हब बनेंगे

बता दें कि राज्य में 2008 से लगातार कृषि रोडमैप बनाकर किसान और कृषि विकास का काम किया जा रहा है। तीसरे कृषि रोडमैप की अवधि पूरी हो जाने के बाद चौथे कृषि रोडमैप का क्रियान्वयन अब शुरू किया जा रहा है।

चौथे कृषि रोडमैप में मिट्टी से लेकर आदमी तक की सेहत को ध्यान में रखा गया है। उन्नत खेती के लिए राज्य में 100 सीड हब बनेंगे, वहीं 20 मिलेट हब होंगे। मोटे अनाज के साथ ही राज्य में एक बार फिर जूट की खेती व गुड़ उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।

चौथे कृषि रोडमैप में कृषि के साथ 12 विभाग सम्मिलित 

मिट्टी व जल संरक्षण पर अनुसंधान और प्रशिक्षण के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाया जाएगा। ग्रामीण हाटों को विकसित करने का भी प्रावधान है।  चौथे कृषि रोडमैप में कृषि के साथ 12 विभागों को सम्मिलित किया गया है।

इसके तहत कृषि में आधुनिकीकरण पर ध्यान दिया जाएगा। इसके साथ ही कृषि उत्पादों की मार्केटिंग को बढ़ावा देने के साथ-साथ राज्य के उत्पादों की ब्रांडिंग तथा कृषि बाजार के विकास को लेकर योजनाबद्ध ढंग से काम किया जाएगा।

वहीं, राज्य में ही बेहतर गुणवत्ता वाले बीज का विकास कराया जाएगा। फसल अवशेष प्रबंधन वाले यंत्रों का निर्माण भी किया जाएगा।

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