पर्व से पहले चार गुना बढ़ी इस सब्जी की कीमत; बिहार में सतपुतिया, कंदा और नोनी साग के भाव आसमानी
बाजार में तेजी सतपुतिया कंदा और नोनी साग के भाव आसमानी। त्योहार के लिए खरीदारी शुरू होते ही कीमतों में उछाल। सतपुतिया का भाव एक ही दिन में तीन से चार गुना तक उछला। पटना में 100 रुपए के भी पार गया सतपुतिया
जागरण संवाददाता, पटना। Bihar News: बिहार के बाजार में बीते शुक्रवार को सब्जियों की कीमत अचानक तीन से चार गुना तक बढ़ गई। त्योहार आते ही बाजार में तल्खी की परंपरा पुरानी है। जिउतिया से जुड़ी सब्जियों की मांग बढऩे के साथ ही सतपुतिया, नोनी साग, पोई का पत्ता, कंदा, केराव आदि के भाव में जबरदस्त उछाल आ गया है। 30 रुपये से बढ़कर सतपुतिया का भाव 100 रुपये पर पहुंच गया है। हालांकि इसके बावजूद खरीदारी की रफ्तार तेज है। महंगाई पर आस्था भारी पड़ रही है।
सतपुतिया की सब्जी से पारण करती हैं व्रती
जिउतिया पर सतपुतिया की सब्जी से ही पारण किया जाता है। मगध क्षेत्र में नोनी साग, कंदा और पोई के पत्ते का भी विशेष महत्व है। केराव को महिलाएं पारण से पूर्व निगलती हैं। कुछ जगहों पर इसकी सब्जी भी बनती है। संकल्प व्रत के लिए शुक्रवार को खरीदारी शुरू हुई और साथ ही कीमतों में भी उछाल आ गया। गुलजारबाग हाट के सब्जी कारोबारी सुरेश केवट ने कहा कि सतपुतिया की आवक बाढ़, पंडारक, ताजपुर, दलसिंह सराय, भगवानपुर, जल्ला से, कंदा की हिलसा व गया से, नोनी व पोई साग की आवक जल्ला के गांवों से हो रही है।
सतपुतिया में झिंगनी की मिलावट
कई विक्रेता सतपुतिया में झिंगनी को मिलाकर भी बेच रहे हैँ। झिंगनी को कुछ जगहों पर खरतरोई भी कहा जाता है। सतपुतिया की पहचान कर ही खरीदारी करनी चाहिए। झिंगनी और सतपुतिया देखने में एक जैसी सब्जी हैं लेकिन झिंगनी के ऊपरी भाग पर धारियां उभरी रहती हैं, जबकि सतपुतिया का ऊपरी भाग चिकना होता है और धारियां नहीं रहती हैं।
सब्जी और कीमत
- सतपुतिया : 80 से 100 रुपये किलो
- नोनी साग : 40 से 60 रुपये किलो
- पोई का साग : 30 से 50 रुपये किलो
- कंदा : 50 से 60 रुपये प्रति किलो
- कुशी केराव : 100 से 120 रुपये किलो