कक्षा 6 से 8 तक की NCERT की किताबें बाजार से गायब, प्राइवेट स्कूल अधिक दामों पर बेच रहे निजी प्रकाशकों की पुस्तकें
सीबीएसई से मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबों की जगह निजी प्रकाशकों की पुस्तकें अधिक दामों में बेच रहे हैं और इस कारण अभिभावकों को निजी प्रकाशक की महंगी किताबें तो खरीदनी पड़ ही रही है। हैरानी की बात ये है कि कक्षा छह से आठ तक की एनसीईआरटी की पुस्तक बाजार से लगभग गायब हो चुकी हैं।
जागरण संवाददाता, पटना। सीबीएसई से मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में एनसीईआरटी किताब न चला कर निजी प्रकाशकों को पुस्तक अधिक दामों में बेची जा रही है। सबसे हैरत की बात है कि कक्षा छह से आठ में चलने वाली एनसीईआरटी की पुस्तक बाजार से गायब है।
अभिभावकों को निजी प्रकाशक महंगी किताबें तो खरीदनी पड़ ही रही है और तो और एनसीईआरटी की पुस्तक भी महंगे कीमत में लेने के मजबूर हैं। कक्षा छह से आठ तक में एनसीईआरटी की हिंदी, गणित, विज्ञान, सोशल साइंस, अंग्रेजी की पुस्तकें पढ़ाई जाती हैं।
पिछले साल के मुकाबले पांच प्रतिशत की हुई वृद्धि
इसके जगह पर स्कूल संचालक खुद के चयनित निजी प्रकाशकों के रेफरेंस पुस्तक चला रहे हैं। यहीं नहीं पिछले वर्ष की तुलना में किताबों की कीमत में पांच प्रतिशत की वृद्धि भी हुई है।प्रकाशक के अनुसार एनसीईआरटी सौ पुस्तक का ऑर्डर किया जाता है मात्र 25 किताबें ही उपलब्ध कराई जाती है। इसलिए कक्षा छह से 12 वीं तक की एनसीईआरटी की पुस्तक मिलने में परेशानी हो रही है।
स्कूल नहीं प्रकाशक बेच रहे किताब
गांधी मैदान स्थित एक स्कूल में दैनिक जागरण की टीम किताबों की जानकारी लेने गई तो पता चला कि किताबें यहां नहीं मिल रही है। जब जानकारी प्राप्त की गई कि किताब कहां मिलेगी तो उन्होंने कुर्जी स्थित एक प्रकाशक का पता दिया गया और बताया गया कि वहीं सारी किताबें मिलेंगी।अशोक राजपथ स्थित एक निजी स्कूल से भी इसकी जानकारी ली गई तो वे भी किताबों की लिस्ट और प्रकाशक का पता दिया गया। यह हाल राजधानी के एक स्कूल की नहीं, बल्कि तमाम निजी स्कूलों की स्थिति यही है।
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