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Bihar News: PHED की इस योजना से जुड़े 4 हजार करोड़ के टेंडर रद, महीने भर बाद दोबारा जारी होंगे जारी

शुक्रवार को लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचईडी) द्वारा जलापूर्ति योजनाओं से जुड़ी निविदाएं रद कर दी गई और इन रद की गई निविदाओं की कीमत 4436 करोड़ है। इसकी जानकारी विभागीय मंत्री नीरज कुमार सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि प्रक्रिया में संशोधन करने के एक महीने के बाद दोबारा से निविदाएं आमंत्रित की जाएंगी। उन्होंने महागठबंधन सरकार के दौरान निविदा आवंटन में गड़बड़ी का आरोप लगाया।

By Vikash Chandra Pandey Edited By: Shoyeb Ahmed Published: Fri, 05 Jul 2024 11:31 PM (IST)Updated: Fri, 05 Jul 2024 11:31 PM (IST)
लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग द्वारा जलापूर्ति योजनाओं से जुड़े 4 हजार करोड़ के टेंडर रद (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, पटना। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचईडी) द्वारा जलापूर्ति योजनाओं से जुड़ी 4436 करोड़ की निविदाएं रद कर दी गई हैं। शुक्रवार को इसकी जानकारी देते हुए विभागीय मंत्री नीरज कुमार सिंह ने बताया कि प्रक्रिया में संशोधन के बाद एक माह के भीतर दोबारा से निविदाएं आमंत्रित की जाएंगी।

महागठबंधन सरकार के दौरान निविदा आवंटन में कुछ गड़बड़ी हुई थी। जांच लगभग पूरी हो चुकी है। दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों-इंजीनियरों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई तय है। सरकार की महत्वाकांक्षी सात निश्चय के अंतर्गत नल-योजना के क्रियान्वयन का दायित्व पीएचईडी के पास है।

नल-जल योजना के तहत जारी हुई थी निविदाएं

पूर्ववर्ती महागठबंधन सरकार में नल-जल योजना के तहत 4706 करोड़ की निविदाएं हुई थीं। वे निविदाएं ललित यादव के पीएचईडी मंत्री रहते हुए स्वीकृत हुई थीं। ललित राजद कोटे से मंत्री थे। अब गड़बड़ी वाली अधिसंख्य निविदाओं को रद कर पारदर्शी तरीके से नई निविदाओं के लिए निर्णय लिया गया है।

नीरज ने कहा कि अगले छह माह में नल-जल योजना की गड़बड़ियों को पूरी तरह से ठीक कर लिया जाएगा। पंचायती राज विभाग से हस्तांरित 50 प्रतिशत से अधिक योजनाएं खराब हैं। उन सभी का स्थल निरीक्षण कराया जा रहा है। खराब योजनाओं के साथ छूटे हुए वार्ड-टोले में यथाशीघ्र नल-जल का काम पूरा कर लिया जाएगा।

सात मार्च को डिप्टी सीएम ने की घोषणा

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के गठन के तत्काल बाद निर्णय लिया गया था कि राजद कोटे के मंत्रियों के कार्यों व निर्णयों की समीक्षा होगी और खामी-खोटी पाए जाने पर निविदाएं निरस्त भी की जाएंगी।

सात मार्च को ही उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा इसकी घोषणा कर चुके हैं। तब उनके पास पीएचईडी का दायित्व भी था। नीरज उसी निर्णय पर आगे बढ़ रहे हैं। ये निविदाएं दो चरणों में रद हुई हैं। पहले चरण में निविदाओं के रद करने की घोषणा सिन्हा ही कर चुके थे, जिस पर बाद में नीरज ने भी अपनी मुहर लगाई थी।

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