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Lalu Yadav का 'MY' समीकरण तय करेगा Pappu Yadav पास होंगे या फेल, नीतीश कुमार का खेमा उत्साहित

निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में लड़ रहे राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने यहां न सिर्फ बड़े दलीय प्रत्याशियों को कड़ी चुनौती पेश की बल्कि देशभर के मीडिया की सुर्खी भी बने रहे। कभी ट्रैक्टर चलाते कभी बुलेट दौड़ाते तो कभी प्रचार के दौरान दाल-भात खाते पप्पू की तस्वीरें चर्चा पाती हैं। हालांकि चर्चा से इतर और चुनावी महासमर में बाजी मारना दूसरी बात है।

By Jagran News Edited By: Rajat Mourya Updated: Sat, 01 Jun 2024 09:48 PM (IST)
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Lalu Yadav का 'MY' समीकरण तय करेगा Pappu Yadav पास होंगे या फेल
संजय सिंह, पूर्णिया। मोदी की लहर चलेगी या आइएनडीआइए बाजी मारेगा, देश की ज्यादातर सीटों पर लड़ाई ऐसी ही है, लेकिन बिहार में पूर्णिया की बात दूसरी है। भाजपा और आइएनडीआइए प्रत्याशी की जीत-हार से इतर लोगों का सवाल है, पप्पू हारेंगे या जीतेंगे।

निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में लड़ रहे राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने यहां न सिर्फ बड़े दलीय प्रत्याशियों को कड़ी चुनौती पेश की, बल्कि देशभर के मीडिया की सुर्खी भी बने रहे। कभी ट्रैक्टर चलाते, कभी बुलेट दौड़ाते तो कभी प्रचार के दौरान दाल-भात खाते पप्पू की तस्वीरें चर्चा पाती हैं।

हालांकि, चर्चा से इतर और चुनावी महासमर में बाजी मारना दूसरी बात है। वह भी तब जब प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार का चेहरा जो भी हो, पार मोदी से ही पाना है। इन सबके बीच बात यह भी चर्चा में रही कि पप्पू को जिस समीकरण का सबसे ज्यादा भरोसा है, उसका असल दावेदार कोई और है।

राजद प्रत्याशी बीमा भारती के लिए पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने पूरा जोर लगाया। करीब 35 प्रतिशत एम-वाई (मुस्लिम-यादव) समीकरण में कोई सेंधमारी न हो, इसके लिए उन्होंने अपने वोटरों को आगाह किया कि भटकना नहीं।

युवाओं में लोकप्रिय पप्पू एम-वाई समीकरण में सेंध लगाकर अपनी जीत का रास्ता बना पाते हैं या नहीं, यह तो वक्त बताएगा, लेकिन इस समीकरण में दावेदारों की लड़ाई से जदयू का खेमा उत्साहित है और संतोष कुशवाहा की हैट्रिक का ख्वाब पाले है।

इलाके में रामजी की लहर

सियासी पारे के बीच पूर्णिया की सुबह दिन के बेहद गर्म होने का आभास करा रही। गुलाबबाग मंडी में पूरे सीमांचल के लोग जुटते हैं। यहां रूपेश कुमार के सैलून में थोड़ी भीड़ है। दाढ़ी पर उस्तरा चलाते हुए वह कहते हैं- इलाके में रामजी की लहर है। नेता भले ही अपना चेहरा और दल बदलते हों, मगर मोदीजी जो कहते हैं, वही करते हैं।

हालांकि, रूपेश निर्दलीय प्रत्याशी पप्पू यादव की भी चर्चा कर देते हैं और फिर वह द्वंद्व में फंस जाते हैं। एक तरफ देश, दूसरी ओर जो वक्त पर साथ दे। साथ देने के सवाल पर यहां बात बढ़ने लगती है। सुरेश, मोहन कहते हैं कि पूर्णिया क्रीज - कालर वालों को बहुत समय तक बर्दाश्त नहीं करता है।

पूर्णिया ने क्रीज - कालर को नकारकर संतोष कुशवाहा को अपना प्रतिनिधित्व दिया था, पर वह खुद अब क्रीज - कालर वाले हो गए हैं। आरोप यह भी कि वह जनता के बीच नहीं के बराबर आते हैं।

सबकी अपनी-अपनी पार्टी, अपना-अपना राग

कोढ़ा में मिले विकास सिंह कहते हैं कि इस सीट पर जदयू उम्मीदवार के लिए नरेन्द्र मोदी और नीतीश कुमार ही चेहरा और सहारा हैं। राजद उम्मीदवार बीमा भारती ने जदयू छोड़कर हाल ही में लालटेन थामा है। वह इस लड़ाई को त्रिकोणीय बनाने में दिन-रात जुटी हैं। अचानक लालटेन थामने की वजह से कार्यकर्ताओं का जितना साथ बीमा को मिलना चाहिए, उतना नहीं मिल रहा है।

पूर्णिया के निवासी 55 वर्षीय मु. जावेद का कहना है कि मोदी सरकार ने गंगा-जमुनी तहजीब पर पानी फेर दिया । यह भी कहने से नहीं चूकते उसी को वोट देंगे, जो राजग प्रत्याशी को हराएगा । वहीं भवानीपुर के भवेश यादव व टिकापट्टी के लखो मंडल मोदी की प्रशंसा करते नहीं थकते।

पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र पर एक नजर

  • कुल मतदाता : 22,06,663
  • पुरुष मतदाता : 11, 40, 982
  • महिला मतदाता : 10,65,602
  • थर्ड जेंडर : 79

2019 का चुनाव परिणाम

  • संतोष कुशवाहा, जदयू : 6,32,924
  • उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह, कांग्रेस : 3,79,763

2019 में दलों को मिला मत

  • जदयू : 54.85%
  • कांग्रेस : 32.02%
  • नोटा : 1.61%
  • बसपा : 1.43%
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