Rahul Gandhi: बिहार का सियासी पारा बढ़ाएंगे राहुल गांधी! साल के अंत में करेंगे महारैली; प्लानिंग में जुटी प्रदेश कांग्रेस
Bihar Politics अगले साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियां अभी से रणनीति बनाने में जुट गई हैं। कांग्रेस भी विधानसभा चुनाव को लेकर नए सिरे से रणनीति बनाने में जुट गई है। बिहार कांग्रेस चुनाव से पहले पटना में राहुल गांधी की एक महारैली कराने का विचार कर रहा है। बहुत संभव है कि सितंबर-अक्टूबर महीने में यह महारैली हो।
राज्य ब्यूरो, पटना। अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस बिहार में शक्ति-प्रदर्शन की मंशा रखती है। यह शक्ति-प्रदर्शन महारैली के माध्यम से हो सकता है। बहुत संभव है कि सितंबर-अक्टूबर में महारैली हो।
वर्षा ऋतु का समापन हो जाने के कारण सितंबर-अक्टूबर में न अधिक गर्मी रहेगी और न अधिक ठंड। चूंकि, एक ही महारैली होनी है, इसलिए उसके पटना के गांधी मैदान में होने की संभावना प्रबल है।
आधिकारिक रूप से कांग्रेस अभी इसकी घोषणा नहीं कर रही, लेकिन अंदरखाने इसके लिए पृष्ठभूमि बनाई जा रही है।
क्या है प्रदेश कांग्रेस का प्लान
प्रदेश कांग्रेस चाहती है कि महारैली को पार्टी अध्यक्ष मल्लिाकर्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी संबोधित करें। उन दोनों के नाम पर ठीकठाक जन-जुटान भी हो सकता है।
प्रियंका गांधी को भी आमंत्रित किया जा सकता है। लोकसभा चुनाव में उनकी जनसभाओं की बड़ी मांग थी, लेकिन दूसरे प्रदेशों में व्यस्तता के कारण वे बिहार नहीं आ सकीं।
रणनीति तैयार करने में जुटे प्रदेश अध्यक्ष
प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह महारैली का ताना-बाना बुनने में लगे हैं। चर्चा है कि इस उद्देश्य से वे पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल से यथाशीघ्र मंत्रणा करेंगे। उसके बाद राहुल आदि का कार्यक्रम निर्धारित कराया जाएगा।
विशेष राज्य के लिए कांग्रेस करेगी आंदोलन, 14 जिलों में बनाए नए प्रभारी
विशेष राज्य के दर्जा की मांग को लेकर बिहार कांग्रेस ने आंदोलन की घोषणा कर रखी है। सोमवार को जिला मुख्यालयों पर प्रेस-वार्ता के साथ इस आंदोलन की शुरुआत हो रही।
प्रेस-वार्ता में जिला प्रभारियों की उपस्थिति अनिवार्य रूप से होनी है। ऐसे में नए सिरे से जिला प्रभारियों का दायित्व निर्धारित करते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने उनसे आंदोलन को आगे बढ़ाने की अपेक्षा की है।
14 जिलों में नए प्रभारी बनाए गए हैं। शेष जिलों में दायित्व पूर्ववत रहेगा, लेकिन प्रभारियों को अपनी सक्रियता बढ़ानी होगी।
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