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Railway News: बिहार का एक ऐसा रेलवे स्‍टेशन, जहां नहीं है प्लेटफार्म नंबर-1, सीधे दो से होती है शुरुआत

साल 1883 में गढ़हरा स्टेशन को बंद कर दिया गया था। इसके बाद तीन किलोमीटर उत्तर में बरौनी रेलवे जंक्‍शन बनाया गया था। तब से लेकर आज तक बरौनी जंक्शन का विकास भी किया गया है लेकिन यहां प्लेटफार्म नंबर-1 नहीं है।

By Jagran NewsEdited By: Deepti MishraUpdated: Wed, 24 May 2023 02:30 PM (IST)
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बिहार में एक ऐसा रेलवे स्टेरशन, जहां नहीं है प्लेटफार्म नंबर -1।
जागरण संवाददाता, पटना: देश भर में रेलवे स्टेशनों के अजब-गजब नाम - बीबीनगर, बाप जंक्शन, ओढनिया चाचा, बिल्ली जंक्शन, काला बकरा आदि आपने खूब सुने होंगे, लेकिन क्‍या कोई ऐसा रेलवे स्टेशन देखा या फिर उसके बारे में सुना, जिस पर प्लेटफार्म नंबर -1 है ही नहीं। अगर नहीं तो बिहार घूमने आइए और बरौनी रेलवे जंक्शन पर उतरिए।

बरौनी रेलवे जंक्शन पर आप प्लेटफार्म नंबर -2 से लेकर प्लेटफार्म नंबर -9 तक पर आवाजाही कर सकते हैं, लेकिन प्लेटफार्म नंबर -1 आपको दूर-दूर तक नजर नहीं आएगा।

साल 1883 में गढ़हरा स्टेशन को बंद कर दिया गया था। इसके बाद तीन किलोमीटर उत्तर में बरौनी रेलवे जंक्‍शन बनाया गया था। तब से लेकर आज तक  बरौनी जंक्शन का विकास भी किया गया है, लेकिन यहां प्लेटफार्म नंबर-1 नहीं है। दरअसल, इसके प्लेटफार्म नंबर- 1 को न्यू बरौनी जंक्शन नाम से नया स्टेशन ही बना दिया गया है।

प्लेटफार्म नंबर -1 क्यों नहीं है?

12 दिसंबर, 2020 को बरौनी जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर-1 को नए स्टेशन के रूप में न्यू बरौनी का नाम दिया गया। वहां न्यू बरौनी के नाम से टिकट भी काटा जाता है। इसके पहले पटना-कटिहार रेलखंड से होकर गुजरने वाली ट्रेनों के परिचालन के लिए बरौनी जंक्शन के प्लेटफार्म वन की प्रशासनिक एवं तकनीकी व्यवस्था बरौनी जंक्शन होती थी। स्टेशन के अस्तित्व में आने के बाद सभी प्रशासनिक एवं तकनीकी कार्य नए स्टेशन के हवाले हो गए।

यहां लोगों की क्या मांग है?

ऐसे में बरौनी भारत का इकलौता ऐसा रेलवे स्टेशन है, जहां प्लेटफार्म की शुरुआत एक से नहीं होकर दो से होती है। न्यू बरौनी स्टेशन के अस्तित्व में आने के बाद बरौनी जंक्शन पर प्लेटफार्म नंबर-1 के निर्माण की स्थानीय लोगों की मांग अभी तक पूरी नहीं हो सकी है।

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