Bihar News: बिहार में दर्जनों कॉलेजों के प्रभारी प्राचार्य की होगी छुट्टी, राजभवन के निर्देश पर होने जा रहा बड़ा एक्शन
बिहार के दर्जनों अंगीभूत महाविद्यालयों के प्रभारी प्रधानाचार्यों को हटाया जाएगा। जिन प्रभारी प्राचार्य को हटाया जाना है उनमें पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के करीब दर्जन भर प्राचार्य भी शामिल हैं। यह कार्रवाई राजभवन के निर्देश पर की जा रही है। इन प्रभारियों को वरिष्ठ शिक्षकों की उपस्थिति में नियुक्त किया गया था। अब 15 दिनों में राजभवन को इस कार्रवाई को लेकर रिपोर्ट देनी है।
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य में दर्जनों अंगीभूत महाविद्यालयों के प्रभारी प्रधानाचार्य हटाये जाएंगे। इसमें पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के करीब दर्जन भर प्रभारी प्राचार्य शामिल हैं।
हटाये जाने वाले प्रभारी प्राचार्य पहले की तरह सहायक प्राध्यापक या एसोसिएट प्रोफेसर हो जाएंगे। ऐसे प्रभारी प्राचार्याें के पद से इसलिए छुट्टी होने जा रही है कि विश्वविद्यालयों ने उनसे वरीय शिक्षकों के रहते हुए उन्हें प्रभारी प्राचार्य की कुर्सी सौंपी थी। इसमें वरीयता को दरकिनार किया गया था।
यह मामला जब बिहार विधानसभा के विगत मानसून सत्र में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उजागर हुआ था। पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय ने शिक्षा विभाग को जानकारी दी थी कि उसके किन-किन अंगीभूत महाविद्यालयों में वरीय शिक्षकों के रहते उनसे कनीय प्राध्यापक प्रभारी प्राचार्य के रूप में कालेजों चला रहे हैं।
इस मामले को राज्यपाल और कुलाधिपति राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने गंभीरता से लिया गया। राजभवन ने पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति को कारण बताओ नोटिस जारी किया। साथ ही राजभवन द्वारा इस मामले में निर्णय लिये जाने तक कुलपति के किसी प्रकार का नीतिगत निर्णय लिए जाने पर भी रोक लगा दी गई।
30 अगस्त को राजभवन में हुई थी कुलपतियों की बैठक
विगत 30 अगस्त को राजभवन में हुई कुलपतियों की बैठक में भी राज्यपाल द्वारा कनीय शिक्षकों को प्रभारी प्राचार्य बनाए जाने पर नाराजगी जतायी गयी थी। उसके बाद छह सितंबर को राज्यपाल के प्रधान सचिव राबर्ट एल. चोंग्यू के हस्ताक्षर से कुलपतियों को निर्देश जारी किया गया।
उसमें कुलपतियों को हिदायत दी गई है, कुछ महाविद्यालयों में वरिष्ठ शिक्षकों के स्थान पर कनीय प्राध्यापकों को प्रभारी प्राचार्य बनाया गया है, जो बिहार के विश्वविद्यालयों के अंगीभूत महाविद्यालयों में प्राचार्य की नियुक्ति हेतु अधिसूचित परिनियम के प्रविधानों के विरुद्ध है।
निर्धारित प्रविधानों के आलोक में ही नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई करते हुए महाविद्यालय में प्रभारी प्राचार्य बनाए जाएं। इस निर्देश को सर्वोच्च प्राथमिकता दें।
इस मामले में 15 दिनों के अंदर अनुपालन प्रतिवेदन भी राजभवन सचिवालय द्वारा ईमेल पर मांगे गए हैं। राजभवन के आदेश के आलोक में कुलपतियों द्वारा संबंधित प्रभारी प्राचार्यों को हटाने की कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
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