Rajnath Singh: बिहार की 4 विधानसभा सीटों पर उप चुनाव, कार्यकर्ताओं को एक्टिव करने आ रहे राजनाथ सिंह
लोकसभा चुनाव परिणाम से सीख ले कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बिहार आ रहे हैं। राजनाथ सिंह विस्तारित प्रदेश कार्यसमिति की बैठक को संबोधित करेंगे। विस्तारित कार्यसमिति की बैठक में 1100 से अधिक मंडल अध्यक्षों को भी बुलाने का कार्यक्रम तय हुआ है। बता दें कि बीजेपी आगामी 4 विधानसभा सीटों पर होने वाले उप चुनाव को लेकर सजग हो गई है।
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार विधानसभा की चार सीटों पर होने वाले उप चुनाव को लेकर भाजपा अभी से सजग हो गई है। इसके पीछे कारण यह है कि लोकसभा चुनाव में राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) ने मगध व शाहाबाद की सात संसदीय सीटें गंवा दी है। उनमें से पांच सीटों का सीधा नुकसान भाजपा को हुआ है।
वहीं, एक सीट जदयू एवं एक सीट पर राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा की हार हुई है। 2019 में जहां राजग 40 में 39 सीटों पर विजयी रहा था, इस बार यह संख्या घटकर 30 पर आ गई। कई कारण से चुनाव के दौरान कई जिलों में संगठन की सुस्ती साफ-साफ दिखी थी।
18 जुलाई को बैठक
ऐसे तमाम प्रकरणों से सीख लेते हुए भाजपा ने विस्तारित प्रदेश कार्यसमिति की बैठक 18 जुलाई को श्रीकृष्ण मेमोरियल हाल में बुलाई है। कार्यसमिति के मुख्य वक्ता केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह होंगे।
दरअसल, भाजपा विधानसभा उप चुनाव के अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के सेमीफाइनल के रूप में देख रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए विस्तारित कार्यसमिति की बैठक बुलाने की तैयारी है। बैठक में हर स्तर के नेताओं को आमंत्रित किया जाएगा। विस्तारित कार्यसमिति की बैठक में 1100 से अधिक मंडल अध्यक्षों को भी बुलाने का कार्यक्रम तय हुआ है।
कार्यसमिति सदस्य भी होंगे सम्मिलित
भाजपा की ओर से प्रदेश कार्यसमिति सदस्यों को आमंत्रित किया जा रहा है। साथ ही स्थानीय स्तर के नेताओं को भी आमंत्रित करने की योजना है। 18 जुलाई को राजनाथ सिंह को बिहार भेजने के पीछे भाजपा नेतृत्व की खास रणनीति है। उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव के बाद बिहार से किसी राजपूत नेता को केंद्र में मंत्री नहीं बनाया गया।
ऐसे में चर्चा है कि इस वर्ग के लोग भाजपा से नाराज हैं। वहीं, यह भी उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सवर्णों में सर्वाधिक राजपूतों को पांच सीटों पर उतारा था। राजग की बात करें तो राजपूत समाज से सात प्रत्याशी थे। उनमें से पांच विजयी रहे। हारने वाले दोनों भाजपा के रहे।
आरा में पराजित होने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह और औरंगाबाद में सुशील सिंह को भाजपा ने मैदान में उतारा था। इसके साथ उल्लेखनीय यह कि काराकाट में उपेंद्र कुशवाहा और पवन सिंह के प्रकरण से भी राजपूत समाज के लोग भाजपा से कुछ नाराज बताए जाते हैं।
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