Bihar News: 1000 शिवलिंग, 22 देवालय से लेकर 12 शिखर... पढ़ें बिहार में बन रहे विराट रामायण मंदिर की खासियत
Ramayan Temple in Bihar महावीर मंदिर ट्रस्ट ने बिहार के पूर्वी चंपारण में बन रहे विराट रामायण मंदिर के निर्माण में परामर्श व निगरानी के लिए बुधवार को टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स लिमिटेड से करार किया है। महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि यह कंपनी अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण का भी पर्यवेक्षण कर रही है।
By Jagran NewsEdited By: Sanjeev KumarUpdated: Thu, 21 Dec 2023 04:27 PM (IST)
जागरण संवाददाता, पटना। Bihar News: महावीर मंदिर ट्रस्ट ने बिहार के पूर्वी चंपारण में बन रहे विराट रामायण मंदिर के निर्माण में परामर्श व निगरानी के लिए बुधवार को टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स लिमिटेड से करार किया है। महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि यह कंपनी अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण का भी पर्यवेक्षण कर रही है।
अब कंपनी के विशेषज्ञ विराट रामायण मंदिर के मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, प्लंबिंग, लैंड स्केपिंग समेत अन्य कार्य अपनी देखरेख में कराएंगे। इसके अलावा विवाह भवन, कैंटीन, धर्मशाला आदि के डिजायन से लेकर निर्माण कार्य भी कंपनी को सौंपा गया है। 2025 तक मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा।
निर्माणाधीन मंदिर परिसर में उपस्थित टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स लिमिटेड के महाप्रबंधक सौरभ मूले व टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स लिमिटेड के सहायक महाप्रबंधक राहुल मदन सारडा ने बताया कि कंपनी निर्माण की गुणवत्ता, संरक्षा, डिजाइन, टाइम लाइन आदि का पर्यवेक्षण करेगी।
तकनीकी बाधाओं को दूर करेगी। कंपनी के विशेषज्ञ कार्यस्थल पर रहकर सारे कार्यों की निगरानी करेंगे। इस कार्य को लेकर लगभग एक करोड़ 60 लाख रुपये वेतन मद में खर्च होगा।
140 एकड़ में बन रहा विश्व का सबसे बड़ा मंदिर
राम-जानकी मार्ग पर विराट रामायण मंदिर का परिसर 140 एकड़ में फैला है। मुख्य मंदिर 1080 फीट लंबा, 540 फीट चौड़ा और 270 फीट ऊंचा है। मंदिर में 33 फीट ऊंचा और 33 फीट गोलाकार शिवलिंग भी स्थापित होगा।विश्व का यह सबसे बड़ा शिवलिंग होगा, जिसमें एक हजार छोटे शिवलिंग भी होंगे। इसे सहस्रलिंगम के रूप में जाना जाता है।सहस्रलिंगम का वजन 200 मीट्रिक टन होगा। तमिलनाडु के महाबलिपुरम में ब्लैक ग्रेनाइट पत्थर की चट्टान को तराशकर शिवलिंग का निर्माण किया जा रहा है। परिसर में कुल 22 देवालय होंगे। मंदिर के कुल 12 शिखर होंगे, जिनमें दूसरा ऊंचा शिखर 198 फीट का होगा।
इसके अलावा 180 फीट के चार, 135 फीट का एक और 108 फीट के चार शिखर होंगे। गत 20 जून 2023 को मंदिर की पाइलिंग का कार्य आरंभ किया गया। अगले वर्ष मार्च तक मंदिर के 3102 पिलर स्थापित हो जाएंगे।
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